CDS सहित तीनों सेना प्रमुख पहुंचे नेशनल वॉर मेमोरियल, दी श्रद्धांजलि, जानें क्या है Army Day का इतिहास

मां भारती की रक्षा में पल-पल मुस्तैद देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस की हार्दिक बधाई। हमारी सेना सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध है, जिसने हमेशा देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। समस्त देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन।

Asianet News Hindi | Published : Jan 15, 2021 2:35 AM IST / Updated: Jan 15 2021, 09:42 AM IST

नई दिल्ली. सेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, मां भारती की रक्षा में पल-पल मुस्तैद देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस की हार्दिक बधाई। हमारी सेना सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध है, जिसने हमेशा देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। समस्त देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन।

अपडेट्स...
Army Day पर CDS जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे, IAF चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। 

 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, सेना दिवस पर भारतीय सेना के बहादुर पुरुषों और महिलाओं को शुभकामनाएं। हम उन बहादुरों को याद करते हैं जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत साहसी और प्रतिबद्ध सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए हमेशा आभारी रहेगा। 

15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है सेना दिवस?
यह 1949 का वह दिन था जब करियप्पा के नाम से मशहूर फील्ड मार्शल कोडनान मडप्पा करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के कार्यभार की जिम्मेदारी ली थी। फील्ड मार्शल करियप्पा पांच सितारा रैंक रखने वाले भारतीय सेना के पहले अधिकारी थे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध और 1947 के भारत-पाक युद्ध में सेना का नेतृत्व किया था। वह अपनी बहादुरी और नेतृत्व करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कहा था, मैं एक भारतीय हूं और आखिरी सांस तक भारतीय ही रहूंगा।

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