प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को त्रिपुरा (Tripura) के अगरतला (Agartala) में महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट के नए इंटीग्रेटेड टर्मिनल बिल्डिंग (Integrated Terminal Building) का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मैं एयरपोर्ट से यहां तक आया, लोगों ने आशीर्वाद दिया। डबल इंजन की सरकार के साथ डबल विकास करके यह प्यार लौटाऊंगा।
अगरतला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को त्रिपुरा (Tripura) के अगरतला (Agartala) में महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट के नए इंटीग्रेटेड टर्मिनल बिल्डिंग (Integrated Terminal Building) का उद्घाटन किया। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने पूरे इंटीग्रेटेड टर्मिनल भवन का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb) भी मौजूद थे। लगभग 450 करोड़ की लागत से तैयार हुआ महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट टर्मिनल (Maharaja Bir Bikram Airport) 30,000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। प्रधानमंत्री ने यहां मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना और विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन का भी शुभारंभ किया। मोदी ने कहा- मैं एयरपोर्ट से आया, देख रहा था। रास्ते भर सभी आशीर्वाद दे रहे थे। उनका यह प्यार आपको डबल इंजन की ताकत के हिसाब से डबल विकास करके लौटाऊंगा। मुझे विश्वास है। जिनता प्यार और स्नेह त्रिपुरा के लोगों ने हमें दिया वह आगे भी मिलता रहेगा।
डबल इंजन की सरकार डबल तेजी से कर रही काम
उद्घाटन के बाद पीएम ने कहा केंद्र और राज्य में जब विकास को सर्वोपरि रखने वाली सरकार होती है तो डबल तेजी से काम होता है। इसलिए डबल इंजन की सरकार का कोई मुकाबला ही नहीं है। डबल इंजन की सरकार यानी, संसाधनों का सही इस्तेमाल। यानी भरपूर संवेदनशीलता। डबल इंजन की सरकार, यानी लोगों के सामर्थ्य को बढ़ावा। डबल इंजन की सरकार यानी सेवा भाव, समर्पण भाव। यानी संकल्पों की सिद्धि। डबल इंजन की सरकार यानी, समृद्धि की तरफ एकजुट प्रयास।
हर गरीब के पास पक्की छत और नल कनेक्शन होगा
पीएम ने कहा - आज यहां जिस मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना की शुरुआत हो रही है उससे हर गरीब के पास पक्की छत, नल का कनेक्शन होगा। मैं आज एक बेटी से मिला, जिसको घर मिलना तय हुआ है। अभी सिर्फ फ्लोर का काम हुआ है, दीवारों का काम बाकी है, लेकिन वह इतनी खुश थी कि उसकी आंखों के आंसू बंद नहीं हो रहे थे। यह सरकार जन सामान्य की खुशी के लिए समर्पित है।
आयुष्मान कार्ड से मां-बेटे ने कैंसर को दी मात
पीएम ने कहा- मुझे एक ऐसा परिवार मिला जहां मां और बेटे दोनों को कैंसर हुआ, आयुष्मान कार्ड के कारण दोनों को इलाज मिल सका। जब हर गरीब के पास अवसर होगा, काम होगा, आयुष्मान कार्ड होगा तो गरीब का जीवन आसान होगा। मेरे देश का हर नागरिक सशक्त होगा। यही आत्मविश्वास समृद्धि का आधार है। इसलिए मैंने लाल किले से कहा था कि अब हमें योजनाओं के हर लाभार्थी तक खुद पहुंचना होगा। मुझे खुशी है कि आज त्रिपुरा ने इस दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया।
पीएम आवास पर कहा- मीडिया वाले इसकी चर्चा नहीं करते
पीएम ने कहा- मेरे मीडिया वाले मित्र इसकी चर्चा नहीं करते, लेकिन जब त्रिपुरा में पीएम आवास योजना का काम शुरू हुई तो एक मुश्किल आई। कच्चे घर की सरकारी परिभाषा से। पहले की सरकार ने व्यवस्था बनाई थी कि जिस घर में लोहे की चादर से बनी छत होगी उसे कच्चा घर नहीं माना जाएगा। इस वजह से त्रिपुरा के हजारों ग्रामीण परिवार पीएम आवास योजना के लाभ से वंचित थे। मैं प्रशंसा करूंगा मेरे साथी बिप्लव देव से जो इस विषय को लेकर मेरे सामने आए। केंद्र के सामने उन्होंने सारी चीजें रखीं। इसके बाद भारत सरकार ने भी अपने नियम बदले और परिभाषा को बदल दिया और इस वजह से त्रिपुरा के 1.80 लाख से अधिक गरीब परिवारों को पक्के घर का हकदार बनाया गया। 50 हजार से अधिक लोगों को पक्का घर मिल चुका है। 1.50 से अधिक परिवारों को हाल में ही घर बनाने के लिए पहली किस्त जारी की है।
पढ़ाई न रुके, इसलिए बच्चों का वैक्सीनेशन
मोदी ने कहा- विद्या ज्योति परियोजना से त्रिपुरा के छात्रों की पढ़ाई को असान बनाने वाली सुविधा मिलेंगी। स्कूलों को अलग-अलग तरह की लैब से लैस किया जा रहा है, जो इनोवेशन, स्टार्टअप और आत्मनिर्भर भारत के लिए त्रिपुरा को आगे बढाएंगी। पीएम ने कहा- त्रिपुरा में 80 प्रतिशत से ज्यादा पहली डोज और 65 प्रतिशत से ज्यादा दूसरी डोज लग चुकी हैं। आज डबल इंजन की सरकार गांव हो, शहर हो, संपूर्ण और स्थाई विकास के लिए प्रयास कर रही है। खेती से लेकर वन उपज और सेल्फ हेल्प ग्रुप से लेकर सभी क्षेत्रों में जो काम हो रहा है वह भी हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
किसानों और कृषि की बात
छोटे किसान हो, महिलाएं या जनजातीय साथी, आज इन्हें संगठित कर बड़ी ताकत बनाया जा रहा है। देश को सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प त्रिपुरा दे सकता है। यहां के बांस के सामान के निर्माण से देश में बहुत बड़ा बाजार बन रहा है। इसका सबसे बड़ा लाभ त्रिपुरा को मिला है। ऑर्गेनिक फॉर्मिंक को लेकर भी काम चल रहा है। छोटे किसानों की उपज आज किसान रेल के द्वारा अगरतला से दिल्ली तक देश के कई शहरों में कम किराए में पहुंच रही हैं। विकास के हर क्षेत्र में अग्रणी रहने की त्रिपुरा की जो आदत बन रही है, उसे हमें बनाए रखना है।
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