सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) 4 जनवरी को मणिपुर और त्रिपुरा में कई प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने पहुंचे। इन दोनों राज्यों को मोदी ने कई सौगातें दी हैं। प्रधानमंत्री ने मणिपुर में 4800 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 22 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मणिपुर में प्रधानमंत्री ने लगभग 1850 करोड़ रुपये लागत वाली 13 परियोजनाओं का उद्घाटन और लगभग 2950 करोड़ रुपये लागत वाली 9 परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) 4 जनवरी को मणिपुर और त्रिपुरा में हैं। इन दोनों राज्यों को मोदी कई सौगातें देने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने मणिपुर में 4800 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 22 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मणिपुर में प्रधानमंत्री ने लगभग 1850 करोड़ रुपये लागत वाली 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 2950 करोड़ रुपये लागत वाली 9 परियोजनाओं की आधारशिला रखी। मणिपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंफाल में स्वागत किया।
मैं जानता था आपके दिल का दर्द
मोदी ने कहा-मैं जब प्रधानमंत्री नहीं बना था, उससे पहले भी अनेक बार मणिपुर आया था। मैं जानता था कि आपके दिल में किस बात का दर्द है। इसलिए 2014 के बाद मैं दिल्ली को, भारत सरकार को आपके दरवाजे पर लेकर आ गया। ये सब आपके एक वोट की ताकत है, जिसकी वजह से मणिपुर के 6 लाख परिवारों को पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा है। हमारी सरकार की सात वर्षों की मेहनत पूरे नॉर्थ ईस्ट में दिख रही है, मणिपुर में दिख रही है। आज मणिपुर बदलाव का एक नई कार्य-संस्कृति का प्रतीक बन रहा है। ये बदलाव हैं- मणिपुर के Culture के लिए, Care के लिए।
कुछ लोग सत्ता के लिए अस्थिरता चाहते हैं
मोदी ने कहा-आपको ये याद रखना होगा कि कुछ लोग सत्ता पाने के लिए मणिपुर को फिर से अस्थिर करना चाहते हैं। ये लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब उन्हें मौका मिले और कब वो अशांति का खेल खेलें। लेकिन मणिपुर के लोग इन्हें पहचान चुके हैं।
पीएम आवास योजना पर बोले
पीएम आवास योजना के तहत करीब 80 हजार घरों को स्वीकृति मिली है। आज जिन योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है, उनके साथ ही मैं आज मणिपुर के लोगों का फिर से धन्यवाद भी करूंगा। आपने मणिपुर में ऐसी स्थिर सरकार बनाई जो पूरे बहुमत से, पूरे दमखम से चल रही है। ये आपके एक वोट के कारण हुआ। कुछ वर्षों तक मणिपुर के केवल 6% लोगों को उनके घरों में पाइप से पानी मिलता था। आज जल जीवन मिशन कार्यक्रम के कारण वह नेटवर्क 60% घरों तक फैल गया है। आपने मणिपुर में एक स्थिर सरकार बनाई जो पूर्ण बहुमत और पूरी ताकत से चल रही है।
गांवों तक पहुंचना आसान हुआ
पहले लोग पूर्वोत्तर आना चाहते थे, लेकिन यहां पहुंचेंगे कैसे, ये सोचकर ही रुक जाते थे। इससे यहां के पर्यटन क्षेत्र को बहुत नुकसान होता था। लेकिन अब पूर्वोत्तर के शहर ही नहीं, बल्कि गांवों तक पहुंचना भी आसान हो रहा है। पिछली सरकारों ने 'पूर्व की ओर न देखें' की रणनीति के साथ काम किया। हालांकि, हमने एक्ट ईस्ट नीति('Act East' policy) पर काम करने का फैसला किया। हम इस क्षेत्र के पर्यटन क्षेत्र और प्राकृतिक संसाधनों में अपार संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर तेजी से काम चल रहा है और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। प्राकृतिक गैस पाइपलाइन अब पूर्वोत्तर तक भी पहुंच रही है। इन सुविधाओं और कनेक्टिविटी से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार में वृद्धि होगी।
पाम ऑयल प्रॉडक्शन
आज भारत बड़ी मात्रा में ताड़ के तेल(Palm Oil) का आयात कर रहा है और उस पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। हम चाहते हैं कि भारत आत्मानिर्भर हो। इसलिए, हम 11,000 करोड़ रुपये के ताड़ के तेल मिशन के साथ आए हैं, जो उत्तर पूर्व में किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंफाल में 4800 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 22 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके बाद गरतला में महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया और दो प्रमुख विकास पहलों का भी शुभारंभ किया।
मणिपुर को मिलेंगी ये सौगातें
मणिपुर में प्रधानमंत्री लगभग 1850 करोड़ रुपये लागत वाली 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और लगभग 2950 करोड़ रुपये लागत वाली 9 परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवास, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं।
कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स
कनेक्टिविटी में सुधार के लिए देशव्यापी परियोजनाओं के अनुरूप, प्रधानमंत्री 1700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला रखी। कुल 110 किलोमीटर से अधिक लंबाई वाले इन राजमार्गों का निर्माण, इस क्षेत्र में सड़क संपर्क में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इंफाल से सिलचर के लिए साल भर की निर्बाध कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बराक नदी पर एनएच-37 पर 75 करोड़ रुपए से अधिक लागत से निर्मित स्टील ब्रिज का निर्माण होने से यातायात की भीड़ कम होगी, जो एक महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधा होगी।
मोबाइल टावर
प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में करीब 1100 करोड़ रुपये की लागत से बने 2,387 मोबाइल टावर भी मणिपुर के लोगों को समर्पित किए गए। यह राज्य की मोबाइल कनेक्टिविटी को और भी अधिक बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
पेयजल से जुड़े प्रोजेक्ट
राज्य में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के उद्घाटन से हर घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के प्रयास को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में 280 करोड़ रुपए की लागत वाली 'थौबल बहुउद्देश्यीय जल संचरण प्रणाली परियोजना', जो इंफाल शहर को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगी, तामेंगलोंग जिले की दस बस्तियों के निवासियों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 65 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तामेंगलोंग मुख्यालय के लिए जल संरक्षण द्वारा जलापूर्ति योजना और क्षेत्र के निवासियों को नियमित जलापूर्ति प्रदान करने के लिए 51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 'सेनापति जिला मुख्यालय जलापूर्ति योजना का विस्तार' शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवाएं
राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त करने की पहल के तहत, प्रधानमंत्री इंफाल में पीपीपी आधार पर लगभग 160 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल की आधारशिला से राज्य के लोगों के खर्च में कमी आएगी और वे बहुत लाभान्वित होंगे, जिन्हें कैंसर से संबंधित निदान और उपचार के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है। इसके अलावा, राज्य में कोविड से संबंधित बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री कियामगेई में '200 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल' का उद्घाटन करेंगे, जिसे डीआरडीओ के सहयोग से लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है।
इंफाल में प्रोजेक्ट्स
'इंफाल स्मार्ट सिटी मिशन' के तहत कई परियोजनाओं का पूरा होना, भारतीय शहरों के कायाकल्प और परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों को साकार करने की दिशा में एक कदम होगा। प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम में 170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार, मिशन की तीन परियोजनाओं का उद्घाटन भी शामिल रहा, जिनमें ‘एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी)', 'इंफाल नदी पर पश्चिमी नदी के किनारे का विकास (चरण-I)' और 'थंगल बाजार में माल रोड (चरण-I) का विकास' शामिल हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) शहर में यातायात प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और शहर की निगरानी सहित विभिन्न प्रकार की प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं प्रदान करेगा। मिशन के तहत अन्य विकास परियोजनाएं पर्यटन तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगी और रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी।
सेंटर फॉर इन्वेंशन
प्रधानमंत्री करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में बनने वाले 'सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआईआईआईटी)' की आधारशिला रखी। यह परियोजना राज्य में सबसे बड़ी पीपीपी पहल है, जो राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देगी।
ये प्रोजेक्ट्स भी
प्रधानमंत्री ने हरियाणा के गुरुग्राम में मणिपुर इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के निर्माण की आधारशिला भी रखी। हरियाणा में मणिपुर के ऐसे सांस्कृतिक संस्थान का विचार पहली बार 1990 में किया गया था, लेकिन यह पिछले कई वर्षों तक अमल में नहीं आया। यह संस्थान 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा, जो राज्य की समृद्ध कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देगा। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री इंफाल में नवीकृत और पुनर्निर्मित गोविंदजी मंदिर का उद्घाटन किया। मोदी ने मोइरंग में आईएनए परिसर का भी उद्घाटन किया, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित करेगा।
सबका साथ सबका विकास
‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास’ के मंत्र के अनुरूप प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री 130 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 72 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं अल्पसंख्यक समुदायों के समग्र विकास के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्रों में मूलभूत सहायता प्रदान करेंगी।
राज्य में हथकरघा उद्योग को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री 36 करोड़ रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं की आधारशिला रखी। पहली परियोजना इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग में ‘मेगा हैंडलूम क्लस्टर' है, जिससे इंफाल पूर्वी जिले में लगभग 17,000 बुनकर लाभान्वित होंगे और दूसरी परियोजना मोइरंग में 'क्राफ्ट एंड हैंडलूम विलेज', जो बुनकर परिवारों की मदद करेगा, मोइरंग की पर्यटन संभावना का लाभ प्राप्त करेगा तथा लोकतक झील से सटे और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा।
प्रधानमंत्री न्यू चेकऑन में लगभग 390 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सरकारी आवासीय क्वार्टरों के निर्माण की आधारशिला भी रखी। यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त इंटीग्रेटेड हाउसिंग कॉलोनी होगी। मोदी ने इम्फाल पूर्व के इबुधौमारजिंग में रोपवे परियोजना की आधारशिला भी रखी।
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की की जाने वाली अन्य परियोजनाओं में कौशल विकास सुविधा (ईएसडीआई) बढ़ाने के तहत नया औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), कांगपोकपी और सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय का एक नया कार्यालय भवन शामिल है।
त्रिपुरा में प्रधानमंत्री
राज्य की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन और मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना और विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन 100 प्रमुख पहलों का शुभारंभ।
लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे का नया एकीकृत टर्मिनल भवन, आधुनिक सुविधाओं से युक्त और नवीनतम आईटी नेटवर्क एकीकृत प्रणाली द्वारा समर्थित 30,000 वर्गमीटर में फैला एक अत्याधुनिक भवन है। नए टर्मिनल भवन का विकास देश भर के सभी हवाई अड्डों में आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री की पहल के अनुरूप एक प्रयास है।
विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन 100 का उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है और 100 मौजूदा उच्च/उच्च माध्यमिक विद्यालयों को अत्याधुनिक सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्याज्योति विद्यालयों में परिवर्तित करना है। यह परियोजना नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के लगभग 1.2 लाख छात्रों को कवर करेगी और अगले तीन वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर मुख्य विकास क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए बेंचमार्क मानकों तक पहुंचना है। इस योजना के लिए चुने गए प्रमुख क्षेत्रों में घरेलू नल कनेक्शन, घरेलू बिजली कनेक्शन, सभी मौसम के अनुकूल सड़कें, हर घर के लिए शौचालय, प्रत्येक बच्चे के लिए अनुशंसित टीकाकरण, स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी आदि शामिल हैं। यह योजना गांवों को विभिन्न क्षेत्रों में सेवा वितरण के लिए बेंचमार्क तक पहुंचने में मदद करके लाभान्वित करेगी और जमीनी स्तर पर सेवा वितरण में सुधार के लिए गांवों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करेगी।
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