PM मोदी ने कर्तव्य भवन का किया उद्घाटन, एक छत के नीचे 7 मंत्रालय, हाईटेक सुविधाओं से लैस परिसर

Published : Aug 06, 2025, 02:43 PM IST
PM मोदी ने किया कर्तव्य भवन का उद्घाटन

सार

PM Modi Inaugurates Kartavya Bhavan: नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कर्तव्य भवन का उद्घाटन किया। इस नए भवन को इस तरह बनाया गया है कि यहां कई मंत्रालय एक साथ काम कर सकें।

PM Modi Inaugurates Kartavya Bhavan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बने कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन किया। कर्तव्य भवन-03 एक नई इमारत है, जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। यह कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट की 10 नई बिल्डिंगों में से सबसे पहली बिल्डिंग है जो अब पूरी बनकर तैयार हो गई है।

एक छत के नीचे 7 मंत्रालय

इस बिल्डिंग को इसलिए बनाया गया है ताकि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फैले सरकारी मंत्रालयों और विभागों को एक ही जगह लाया जा सके। इससे उनके बीच काम करने में आसानी होगी, बातचीत जल्दी होगी और फैसले भी तेजी से लिए जा सकेंगे।

24 आधुनिक कॉन्फ्रेंस रूम

कर्तव्य भवन-03 करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। इसमें ग्राउंड फ्लोर समेत कुल 7 मंजिलें हैं और इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि केंद्र सरकार के कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों और विभागों को एक ही स्थान पर कार्य करने की सुविधा मिल सके। इस इमारत में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग , पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार और इंटेलिजेंस ब्यूरो के कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। इससे न केवल मंत्रालयों के बीच समन्वय बेहतर होगा, बल्कि प्रशासनिक कार्यों की गति भी तेज होगी।

24 आधुनिक कॉन्फ्रेंस रूम बनाए गए हैं

कर्तव्य भवन में 24 आधुनिक कॉन्फ्रेंस रूम बनाए गए हैं, जिनमें से हर एक में 45 लोगों के बैठने की क्षमता है। इसके अलावा यहां 600 कारों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है, जो कर्मचारियों और आगंतुकों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

यह भी पढ़ें: अदानी पर अमेरिकी जांच से बैकफुट पर मोदी! राहुल गांधी बोले- ट्रंप के सामने मजबूर हो गए प्रधानमंत्री

1950 से 1970 के बीच बनी थीं पुरानी इमारतें

सरकार के मुताबिक, इस समय कई मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में काम कर रहे हैं। ये इमारतें 1950 से 1970 के बीच बनी थीं। अब इनमें जगह की कमी है और ये कमजोर भी हो गई हैं।कर्मचारियों की जरूरतों और आराम का ध्यान रखते हुए इस भवन में क्रेच जैसी सुविधाएं भी हैं।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

हुमायूं कबीर कौन, जिन्होंने बाबरी मस्जिद के लिए इकट्ठा किया करोड़ों का चंदा
Indigo Crisis Day 7: इंडिगो ने दिया ₹827 करोड़ का रिफंड, यात्रियों को लौटाए 4500 बैग