इलेक्टोरल बॉन्ड, 'काला धन से मुक्ति' की एक 'सक्सेस स्टोरी' है, मनी ट्रेल का इससे लगाया जा सकेगा पता: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के पहले इंटरव्यू दिया है। एक न्यूज एजेंसी को दिए गए अपने इंटरव्यू में पीएम मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड, काला धन के खिलाफ सक्सेस स्टोरी है। इससे मनी ट्रेल का पता लग सकता है।

Dheerendra Gopal | Published : Apr 15, 2024 1:51 PM IST

PM Modi Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के पहले इंटरव्यू दिया है। एक न्यूज एजेंसी को दिए गए अपने इंटरव्यू में पीएम मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड, काला धन के खिलाफ सक्सेस स्टोरी है। इससे मनी ट्रेल का पता लग सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी हार को देख रहा है इसलिए सारा दोष वह ईडी और सीबीआई पर मढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के इंटरव्यू की प्रमुख बातें...

मेरी सरकार और पूर्व की सरकार की तुलना कर लीजिए

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा 25 साल का विजन है और मैं ऐसा आज कर रहा हूं ऐसा नहीं है। जब मैं गुजरात में था तभी इस दिशा में सोचता था। 2024 का चुनाव देश के सामने एक अवसर है। एक कांग्रेस सरकार का मॉडल और एक भाजपा सरकार का मॉडल। उनका 5-6 दशक का काल और मेरा एक दशक का काल... किसी में क्षेत्र में तुलना कर लीजिए, पता चल जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देशवासी आपको देश चलाने की जिम्मेदारी देते हैं तो आपको सिंगल माइंडेड फोकस होना चाहिए- देश। दुर्भाग्य से पहले के राजनीतिक कल्चर में परिवार को कैसे मजबूत बनाना... उसी में शक्ति लगाते थे। जबकि मैं देश कैसे मजबूत हो, इस लक्ष्य के साथ काम कर रहा हूं।

दूसरे लोग कुछ भी बोल देते हैं, मैं कहता हूं वह करता हूं...

पीएम मोदी ने कहा कि मैं जो कमिटमेंट करता हूं, उसकी ऑनरशिप भी लेता हूं और जब ऑनरशिप लेते हैं तो देश को भरोसा होता है। आज हम जो बात कहते हैं उस पर देश को भरोसा है। हमने कहा- जम्मू-कश्मीर से 370 हटाएंगे तो हटाया, ट्रिपल तलाक से बहनों को मुक्ति दिलाई। इसलिए मैं कहता हूं- ये मोदी की गारंटी है।

उन्होंने कहा कि आज जो शब्दों का कमिटमेंट होना चाहिए, लगता है उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। कोई कुछ भी बोल देता है। जैसे अभी कुछ दिन पहले ही एक नेता ने कहा- मैं एक झटके में गरीबी खत्म कर दूंगा। जिनको 5-6 दशक तक देश में राज करने को मिला, वो जब आज ऐसा कहेंगे तो देश सोचेगा कि ये क्या बोल रहे हैं।

2047 का जो मेरा विजन है वो मोदी की बपौती नहीं है। इसमें 15-20 लाख लोगों के विचारों को समाहित किया है। एक प्रकार से इसकी ऑनरशिप देश की है। मैंने उसको डॉक्यूमेंट के रूप में बनाया है।

ईडी-सीबीआई पर दोष लगा रहे...

पीएम मोदी ने कहा कि नाच न जाने आंगन टेढ़ा...ये कभी ईडी, कभी सीबीआई, कभी ईवीएम का बहाना निकालेंगे। मूलत: वो अपनी पराजय के लिए रीजनिंग पहले से सेट करने में लगे हैं, ताकि पराजय उनकी खाते में ना चली जाए। जहां तक ईडी, सीबीआई की बात है तो इसमें एक भी कानून मेरी सरकार ने नहीं बनाया है। हमने तो इलेक्शन कमीशन में सुधार किए हैं। पहले तो प्रधानमंत्री एक साइन करके इलेक्शन कमीशन बना देते थे, आज तो उसमें विपक्ष भी रहता है।

काले धन का खतरनाक खेल हो रहा, इलेक्टोरल बॉन्ड इसकी मुक्ति

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में लंबे अर्से से चर्चा चली है कि चुनावों में कालेधन का बहुत बड़ा खतरनाक खेल हो रहा है। देश के चुनावों को कालेधन से मुक्ति मिलनी चाहिए। कालाधन खत्म करने के लिए पहले हमने 1000-2000 के नोटों को खत्म किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 20 हजार रुपए तक पार्टियां कैश ले सकती है। मैंने नियम बनाकर 20 हजार को ढाई हजार कर दिया, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ये कैश वाला कारोबार चले। जहां तक इलेक्टोरल बॉन्ड की बात है तो ये उसकी सक्सेस स्टोरी है, क्योंकि इससे मनी का ट्रेल मिल रहा है कि किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहां दिया।

मैं विविधता को नमन करता

पीएम ने कहा कि भारत को टुकड़ों में देखना, भारत के प्रति नासमझी का परिणाम है। अगर आप हिंदुस्तान में देखें, प्रभु राम के नाम से जुड़े हुए सबसे ज्यादा गांव तमिलनाडु में हैं। विविधता हमारी शक्ति है, हमें इसे सेलिब्रेट करना चाहिए। जो व्यक्ति UN में जाकर दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल भाषा का गुणगान करता है, उस व्यक्ति पर आप ऐसे आरोप कैसे लगा सकते हैं? विपक्ष की मुसीबत है कि वे देश को एक ही सांचे में ढालना चाहते हैं। हम विविधता की पूजा करते हैं...हम इसको सेलिब्रेट करते हैं।

रामलला हमारे लिए आस्था का प्रतीक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जहां तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की बात है तो उन्हें न्योता मिला, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया... जबकि उन्हें गर्व होना चाहिए था। इससे स्पष्ट होता है कि उनके लिए वोटबैंक ही सबसे जरूरी है। ये किसी को नीचा दिखाना अपना अधिकार मानते हैं। लेकिन मैं कहता हूं- ये तो नामदार हैं और मैं कामदार हूं। कांग्रेस से सवाल पूछना चाहिए कि आपकी क्या मजबूरी है कि सनातन के खिलाफ इतना जहर उगलने वाले लोगों के साथ आप बैठे हैं ? कांग्रेस की मानसिकता में ये कौन सी विकृति है? लोकतंत्र में इतनी नफरत नहीं होनी चाहिए। हमारे लिए ये न राजनीति का विषय है, न कभी होना चाहिए और न कभी होगा। हमारे लिए ये आस्था का विषय है।

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