अरुण जेटली के कामों को याद करते हुए पहले 'मेमोरियल लेक्चर' प्रोग्राम में शामिल हुए PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को पहले अरुण जेटली मेमोरियल लेक्चर में शामिल हुए। इस दौरान PM मोदी कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत भी किया। केंद्रीय मंत्री रहे और भाजपा के सीनियर लीडर अरुण जेटली का 24 मई, 2019 को निधन हो गया था।

Amitabh Budholiya | Published : Jul 8, 2022 1:57 AM IST / Updated: Jul 09 2022, 01:36 AM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) 8 जुलाई को शाम 6:30 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रथम 'अरुण जेटली स्मृति व्याख्यान' (first Arun Jaitley Memorial Lecture) में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वहां उपस्थित लोगों को भी संबोधित किया। सिंगापुर सरकार के सीनियर मिनिस्टर थरमन शनमुगरत्नम लेक्चर में समावेशिता यानी समान रूप से के माध्यम से विकास, विकास के माध्यम से समावेशिता(Growth through inclusivity, inclusivity through development") विषय पर मुख्य भाषण दिया। व्याख्यान के बाद माथियास कॉर्मन (ओईसीडी महासचिव) और अरविंद पनगढ़िया (प्रोफेसर, कोलंबिया विश्वविद्यालय) पैनल पर चर्चा भी की है।

कार्यक्रम के बारे में यह भी जानें
फाइनेंस मिनिस्ट्री के इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट की ओर से अरुण जेटली के देश के लिए दिए गए उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देने के उद्देश्य से यह पहला 'अरुण जेटली स्मृति व्याख्यान' आयोजित किया गया। बता दें कि पीएम मोदी 8 से 10 जुलाई तक आयोजित तीन-दिवसीय कार्यक्रम कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन (केईसी) में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत करेंगे। इस दौरान मोदी प्रख्यात अर्थशास्त्रियों(eminent economists) से मुलाकात करेंगे। इनमें जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय की ऐनी क्रुएगर, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निकोलस स्टर्न, हार्वर्ड केनेडी स्कूल के रॉबर्ट लॉरेंस, आईएमएफ के पूर्व कार्यवाहक प्रबंध निदेशक जॉन लिप्स्की, भारत के लिए विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद सहित कई अन्य शामिल हैं। केईसी का आयोजन फाइनेंस मिनिस्ट्री के सहयोग से आर्थिक विकास संस्थान द्वारा किया गया है।

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अरुण जेटली के बारे में
केंद्रीय मंत्री रहे और भाजपा के सीनियर लीडर अरुण जेटली का 24 मई, 2019 को निधन हो गया था। वे 66 साल के थे। उन्हें कैंसर था।  मई 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद  जेटली को वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया था। वे 2014 में छह महीने रक्षा मंत्री भी रहे थे। बाद में मनोहर पर्रिकर रक्षा मंत्री बनाए गए थे। उनके गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद जेटली को 2017 में छह महीने के लिए दोबारा रक्षा मंत्री बने थे। इसके बाद में उनकी जगह निर्मला सीतारमण को दी गई थी। मोदी सरकार-2 में उन्होंने बीमारी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था। 

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