आज Davos Agenda को संबोधित करेंगे PM Modi, 2021 में कहा था- दुनिया के लिए उम्मीद है भारत

यह लगातार दूसरी साल है, जब कोरोना के चलते ये शिखर सम्मेलन डिजिटल रूप से आयोजित हो रहा है। हालांकि, इस साल के आखिरी में होने वाली सालाना बैठक 2022 के अंत बुलाने की उम्मीद है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 17, 2022 2:10 AM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) सोमवार को रात 8.30 बजे विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा (Davos Agenda) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘विश्व की वर्त्तमान स्थिति’ (State of the World) पर विशेष भाषण देंगे। यह वर्चुअल कार्यक्रम 17 से 21 जनवरी, 2022 तक आयोजित किया जाएगा। इसे विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों द्वारा संबोधित किया जाएगा।

कौन-कौन करेगा संबोधित
आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा को जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुआ वॉन डेर लेयेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, इज़राइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के राष्ट्रपति शी जिनपिंग व अन्य संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत की शीर्ष हस्तियां, अंतर्राष्ट्रीय संगठन और नागरिक समाज भी भाग लेंगे, जो दुनिया की वर्त्तमान महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे और उनसे निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

यह लगातार दूसरी साल है, जब कोरोना के चलते ये शिखर सम्मेलन डिजिटल रूप से आयोजित हो रहा है। हालांकि, इस साल के आखिरी में होने वाली सालाना बैठक 2022 के अंत बुलाने की उम्मीद है। अपने कार्यक्रम का ऐलान करते हुए, फोरम ने कहा कि दावोस एजेंडा 2022 प्रमुख वैश्विक नेताओं के लिए अपने दृष्टिकोण साझा करने वाला पहला वैश्विक मंच होगा। यह कार्यक्रम 'स्टेट ऑफ द वर्ल्ड' थीम पर आयोजित हो रहा है। 

2021 में भी किया था संबोधित
पीएम मोदी ने 2021 में भी दावोस संवाद को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि भारत की ओर से मैं दुनिया के लिए उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश लेकर आया हूं। उन्होंने कहा था- भारत ने ऐसे वक्त में भी खुद पर निराशा को हावी नहीं होने दिया। हमने कोरोना के लिए खास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया और लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग के लिए तैयार किया। भारत के हर व्यक्ति ने धैर्य के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को एक जनआंदोलन में बदल दिया। भारत आज उन देशों में हैं जो अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल रहे हैं।

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