16 जनवरी को दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लॉन्च करेंगे PM, 3006 साइटों पर होगा टीकाकरण

. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम वर्चुअली तरीके से शनिवार को सुबह 10.30 बजे होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ी टीकाकरण प्रोग्राम होगा। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 14, 2021 2:14 PM IST / Updated: Jan 14 2021, 07:45 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी को कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम वर्चुअली तरीके से शनिवार को सुबह 10.30 बजे होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ी टीकाकरण प्रोग्राम होगा। 
 
देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 3006 जगहों पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू होगा। हर साइट पर करीब 100 लोगों को पहले दिन वैक्सीन दी जाएगी। 

पीएम ने मुख्यमंत्रियों से चर्चा में बताया था, किन लोगों को लगेगी वैक्सीन

Latest Videos

पहला चरण:
- हमारी कोशिश सबसे पहले उन लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की है जो दिनरात देशवासियों की स्वास्थ्य रक्षा में जुड़े हुए हैं यानी हमारे हेल्थ वर्कर्स चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट। इसके साथ साथ हमारे जो सफाई कर्मचारी हैं, दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं, सैन्य बल हैं, पुलिस और केंद्रीय बल हैं, होमगार्ड्स हैं, डिजास्टर मैनेजमेंट वोलेंटियर्स समेत सिविल डिफेंस के जवान हैं, कंटेन्मेंट और सर्विलांस से जुड़े कर्मचारियों को पहले चरण में टीका लगाया जाएगा। 

दूसरा चरण: 
- दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को और 50 वर्ष से नीचे के उन बीमार लोगों को जिनकों संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, उनको टीका लगाया जाएगा।

पहले चरण का खर्चा उठाएगी केंद्र सरकार
पीएम मोदी ने कहा था, पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स, अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स, सिविल सर्वेंट्स, सुरक्षाबलों के लोगों और ऐसे अन्य लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। सभी राज्यों में हेल्थ वर्कर्स की संख्या 3 करोड़ तक है। पहले चरण में, इन 3 करोड़ लोगों के लिए टीकाकरण का खर्चा केंद्र सरकार उठाएगी। 

भारत में इन दो वैक्सीन को मिली अनुमति

1- कोविशील्ड : कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने बनाया है। ब्रिटेन, अर्जेंटीना और स्लावाडोर के बाद भारत चौथा देश है, जिसने कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है। कोविशील्ड को भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। सीरम का दावा है कि कंपनी पहले ही 5 करोड़ डोज बना चुकी है। वहीं, कंपनी के 5-6 करोड़ वैक्सीन हर महीने बनाने की क्षमता है। 

कितनी असदार है : 70.42%  
 
कितनी डोज की जरूरत : वैक्सीन की 4-6 हफ्तों में दो फुल डोज कोरोना से निपटने के लिए प्रभावी हैं। इससे एक साल तक इम्यून रह सकता है। वैक्सीन को  2°C से 8°C तक स्टोर किया जा सकता है। 

2- कोवैक्सिन : कोवैक्सिन को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने तैयार किया है। कोवैक्सिन को कोरोनोवायरस के कणों का इस्तेमाल करके बनाया गया है, जो उन्हें संक्रमित या दोहराने में असमर्थ बनाते हैं। इन कणों की विशेष खुराक इंजेक्ट करने से शरीर में मृत वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करके इम्यून का निर्माण होता है।

कितनी प्रभावी : डीजीसीआई के मुताबिक, कोवैक्सीन सुरक्षित और एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदान करता है। वैक्सीन का भारत में तीसरा ट्रायल अभी पूरा करना बाकी है और ऐसे में प्रभावकारिता दर सार्वजनिक नहीं की गई है। 

कितनी डोज की जरूरत :  इस वैक्सीन की भी 2 डोज दी जाएंगी। इसे 2-8° डिग्री सेल्सियस में स्टोर किया जा सकता है। भारत बायोटेक ने बताया था कि वैक्सीन की दो डोज 14 दिन के अंतराल में दी जाएंगी।

Share this article
click me!

Latest Videos

Haryana Elections: हरियाणा के सीएम की रेस में कौन आगे? चर्चाओं में ये 5 नाम
सामने आई Bigg Boss 18 के घर की PHOTOS, देखें कोने-कोने की झलक
10 साल की बच्ची का किडनैप के बाद रेप-मर्डर, फिर दहल उठा ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल
Air Force Day: एयर शो में दिखी वायुसेना की ताकत, फाइटर जेट्स ने दिखाए करतब #Shorts
Yati Narsingha Nand Saraswati के बयान पर फूटा Asaduddin Owaisi का गुस्सा, Yogi-BJP को भी सुनाया