NHRC के स्थापना दिवस पर PM: 'कुछ लोग ह्यूमन राइट्स की आड़ में Politics करके देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहे'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग( National Human Rights Commission) के 28वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 12, 2021 1:58 AM IST / Updated: Oct 12 2021, 12:15 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग( National Human Rights Commission) के 28वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत सबको बधाई देते हुए की। उन्होंने कहा-आप सभी को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई।ये आयोजन आज ऐसे समय हो रहा है, जब हमारा देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।

मानवाधिकारों को हनन तब ज्यादा होता है, जब उसे राजनीति रंग दे दिया जाता है
हम देखते हैं कि ऐसे ही सलेक्टिव व्यवहार करते हुए कुछ लोग मानव अधिकारों के हनन के नाम पर देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। ऐसे लोगों से देश को सतर्क रहना है। मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है, जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है। हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता।

हमने सदियों तक संघर्ष किया
पीएम मोदी ने कहा-हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया। एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया। एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग सुझाया।

सबका साथ, सबका विकास...
मोदी ने कहा-आज देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मूल मंत्र पर चल रहा है। ये एक तरह से मानव अधिकार को सुनिश्चित करने की ही मूल भावना है। भारत ने लगातार विश्व को समानता और मानव अधिकारों के जुड़े विषयों पर नया विजन दिया है।

भारत हमेशा मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील रहा
पीएम ने कहा- बीते दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आए हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है। लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है, संवेदनशील रहा है। भारत आत्मवत सर्वभूतेषु के महान आदर्शों, संस्कारों और विचारों को लेकर चलने वाला देश है। आत्मवत सर्वभूतेषु यानि जैसा मैं हूं वैसे ही सब मनुष्य हैं। मानव-मानव में, जीव-जीव में भेद नहीं है। ये हम सभी का सौभाग्य है कि आज अमृत महोत्सव के जरिए हम महात्मा गांधी के उन मूल्यों और आदर्शों को जीने का संकल्प ले रहे हैं। मुझे संतोष है कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग भारत के इन नैतिक संकल्पों को ताकत दे रहा है, अपना सहयोग कर रहा है।

मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से मुक्ति
मोदी ने कहा-बीते वर्षों में देश ने अलग-अलग वर्गों में, अलग-अलग स्तर पर हो रहे Injustice को भी दूर करने का प्रयास किया है। दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग कर रही थीं। हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून बनाकर, मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया है। जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर था, उब गरीब को जब शौचालय मिलता है, तो उसे Dignity भी मिलती है। जो गरीब कभी बैंक के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसकी Dignity बढ़ती है।इस 15 अगस्त को देश से बात करते हुए मैंने इस बात पर बल दिया है कि अब हमें मूलभूत सुविधाओं को शत-प्रतिशत सेचुरेशन तक लेकर जाना है। ये शत-प्रतिशत सेचुरेशन का अभियान समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के अधिकारों को सुनिश्चित करने की है।

वन नेशन वन राशन कार्ड
पीएम ने कहा-भारत ने इसी कोरोना काल में गरीबों, असहायों, बुजुर्गों को सीधे उनके खाते में आर्थिक सहायता दी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की सुविधा भी शुरू की गई है, ताकि वो देश में कहीं भी जाएं, उन्हें राशन के लिए भटकना न पड़े। वैश्विक महामारी के ऐसे कठिन समय में भी भारत ने इस बात का प्रयास किया कि एक भी गरीब को भूखा नहीं रहना पड़े। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन आज भी भारत 80 करोड़ लागों को मुफ्त अनाज मुहैया करा रहा है।

बेटियों की सुरक्षा से जुड़े कई कदम
प्रधानमंत्री ने कहा-बेटियों की सुरक्षा से जुड़े अनेक कानूनी कदम बीते वर्षों में उठाए गए हैं। देश के 700 से अधिक जिलों में वन स्टॉप सेंटर चल रहे हैं। जहां एक ही जगह पर महिलाओं को मेडिकल सहायता, पुलिस सुरक्षा, कानूनी मदद और अस्थाई आश्रय दिया जाता है।

दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं
मोदी ने बताया-हमारे दिव्यांग भाई-बहनों की क्या शक्ति है, ये हमने हाल के पैरालंपिक में फिर अनुभव किया है। बीते वर्षों में दिव्यांगों को सशक्त करने के लिए भी कानून बनाए गए हैं, उनको नई सुविधाओं से जोड़ा गया है। आज महिलाओं के लिए काम के अनेक सेक्टर्स को खोला गया है, वो 24 घंटे सुरक्षा के साथ काम कर सकें, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा नहीं कर पा रहे लेकिन भारत आज career women को 26 हफ्ते की paid maternity leave दे रहा है। 

 https://t.co/4SvPpsFVip

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के विषय में:
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत 12 अक्टूबर, 1993 को हुआ था। इसका उद्देश्य मानवाधिकारों को प्रोत्साहन देना और उनका संरक्षण करना है। आयोग किसी भी प्रकार के मानवाधिकार हनन का स्वतः संज्ञान लेता है, मानवाधिकारों के हनन के मामलों में पड़ताल करता है, पीड़ितों को मुआवजा देने के लिये लोकाधिकारियों को अनुमोदन करता है, मानवाधिकारों का हनन करने वाले जनसेवकों के खिलाफ कानूनी और अन्य दण्डनीय कार्रवाई करता है।

यह भी पढ़ें
क्या मोदी तानाशाह-निरकुंश हैं? अमित शाह ने आलोचकों को दिया करारा जवाब... बताए PM के जीवन से जुड़े तीन हिस्से
Railways ने जारी किया 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' का नया वर्जन, देखने को मिलेगी देश की खूबसूरती, देखें Video
इंडियन स्पेस एसोसिएशन के उद्घाटन पर बोले पीएम मोदी- 21वीं सदी में दुनिया को एकजुट करने के लिए स्पेस सबसे अहम

 

Share this article
click me!