सार
आईएसपीए अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों का एक प्रमुख उद्योग संघ है, जो भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की सामूहिक आवाज बन सकता है। यह संगठन नीतिगत कार्य करेगा साथ ही सरकार और उसकी एजेंसियों सहित भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ जुड़ेगा।
नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Modi) सोमवार को इंडियन स्पेस एसोसिएशन (ISpA) का शुभारंभ किया। यह उद्घाटन वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान हुआ। पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा स्पेस सेक्टर 130 करोड़ भारतीयों के प्रगति का रास्ता है। हम डिफेंस से लेकर स्पेस तक प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल रहे हैं। यह बदलाव की बयार है कि सरकार एक सहयोगी की भूमिका में है, सरकार अपनी तकनीक साझा कर डिफेंस से लेकर स्पेस तक में देश को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।
पीएम ने कहा कि हमने देखा है कि 20वीं सदी में Space और Space पर राज करने की प्रवृत्ति ने दुनिया के देशों को किस तरह विभाजित किया। अब 21वीं सदी में Space, दुनिया को जोड़ने में, Unite करने में अहम भूमिका निभाए, ये भारत को सुनिश्चित करना होगा।
यह भी पढ़ें: रूस में विमान क्रैश: 23 यात्रियों समेत 21 पैराशूट डाइवर्स थे सवार
प्रौद्योगिकी से आज गांव के गरीब को सबसे अधिक मदद
पीएम ने कहा कि पिछले 7 वर्षों के दौरान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए शासन को लीक प्रूफ, ट्रांसपेरेंट बनाकर एक टूल के रूप में परिवर्तित किया गया है। गरीबों, सड़कों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवास इकाइयों में जियोटैगिंग का उपयोग इसका उदाहरण है। विकास परियोजनाओं की निगरानी सैटेलाइट इमेजिंग द्वारा की जा रही है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग फसल बीमा योजना के दावों के निपटारे में हो रहा है, नाविक प्रणाली मछुआरों की मदद कर रही है, इस तकनीक के माध्यम से आपदा प्रबंधन योजना भी बनाई जा रही है। नरेंद्र मोदी ने प्रौद्योगिकी को सभी के लिए सुलभ बनाने के महत्व पर जोर दिया। डिजिटल तकनीक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत आज शीर्ष डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से है क्योंकि हम डेटा की शक्ति को सबसे गरीब व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं।
पीएम मोदी ने उद्घाटन के बाद एसोसिएशन के गठन पर बधाई देते हुए कहा कि कहा कि आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, उतनी पहले कभी नहीं रही। Space Sector और Space Tech को लेकर आज भारत में जो बड़े Reforms हो रहे हैं, वो इसी की एक कड़ी है। जब हम स्पेस रिफ़ॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 pillars पर आधारित है। पहला, प्राइवेट सेक्टर को innovation की आज़ादी। दूसरा, सरकार की enabler के रूप में भूमिका। तीसरा, भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करना। और चौथा, Space सेक्टर को सामान्य मानवी की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना है।
उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य सिर्फ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की वजह से हो पा रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं है बल्कि एक well-thought, well-planned, Integrated Economic Strategy भी है। एक ऐसी strategy जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के Skill की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को Global manufacturing powerhouse बनाए। उन्होंने कहा कि एक ऐसी strategy जो भारत के टेक्नोलॉजीकल एक्सपर्टीज को आधार बनाकर, भारत को innovations का Global center बनाए।
पीएमओ (PMO) के अनुसार आईएसपीए अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों का एक प्रमुख उद्योग संघ है, जो भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की सामूहिक आवाज बन सकता है। यह संगठन नीतिगत कार्य करेगा साथ ही सरकार और उसकी एजेंसियों सहित भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ जुड़ेगा।
संस्थापक सदस्यों में ये कंपनियां है शामिल
ISpA के संस्थापक सदस्यों में लार्सन एंड टुब्रो, नेल्को (टाटा ग्रुप), वनवेब, भारती एयरटेल, मैपमायइंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज और अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं। अन्य प्रमुख सदस्यों में गोदरेज, ह्यूजेस इंडिया, अज़िस्टा-बीएसटी एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बीईएल, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और मैक्सर इंडिया शामिल हैं।
महामारी के पहले 20 मिशन हुए लांच
महामारी से पहले, अंतरिक्ष एजेंसी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 20 मिशन लॉन्च की योजना बनाई थी, जिसमें गगनयान मिशन के तहत पहली मानव रहित उड़ान भी शामिल थी। गगनयान मिशन भी 2022 के अंत तक या 2023 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें:
जम्मू-कश्मीर में एनआईए की रेड: कर्नाटक में दामुदी की गिरफ्तारी के बाद तेज हुई कार्रवाई