सार

‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ (Mile Sur Mera Tumhara) गीत का नया संस्करण (New Version of Song) रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों (Railway Employees and Officers) ने तैयार किया और गाया है। रेल और कपड़ा राज्य मंत्री  दर्शना जरदोश (Darshana Jardosh) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस गीत का नया संस्करण राष्ट्र को समर्पित किया। इस गाने का नया संस्करण पश्चिम- मध्य रेलवे समेत अन्य जोन के रेल कर्मचारियों ने तैयार किया है।

नई दिल्ली। देश में आजादी के 75वें साल के जश्न के तौर पर ‘अमृत महोत्सव’ (Azadi ka Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है। ऐसे में रेलवे मंत्रालय (Ministry of Railways) ने एक मशहूर गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ का नया वर्जन जारी (New Version) किया है। इसका एक वीडियो ट्विट्टर पर शेयर किया है, जिसे अब तक 36 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है। खास बात है कि ये नया वर्जन रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों ने तैयार किया है। इस गाने को रेल और कपड़ा राज्यमंत्री (Minister of State Railways and Textiles) दर्शन जरदोश ने रिलीज किया। उन्होंने कहा- ये गीत रेलवे कर्मचारियों और राष्ट्र को प्रेरित करेगा। यह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा। कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीत शर्मा आदि उपस्थित थे।

बता दें कि इस गीत को 1988 में स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार टेलिकास्ट किया गया था। इस ट्रैक का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और विविधता में एकता के विचार को बढ़ावा देना था। इसमें उस समय के प्रमुख भारतीय अभिनेता, खिलाड़ी और संगीतकार शामिल थे। रेलवे कर्मचारियों ने इसे गाया है। इस नए वर्जन में पीवी सिंधु समेत कई बड़े खिलाड़ी और टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता शामिल हैं। वीडियो की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाक्यों से होती है, जिसमें वे कहते हैं कि रेलवे देश को विकास की गति प्रदान करेगा और भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य की एक झलक पेश करेगा। अंत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और आला अधिकारी राष्ट्रगान गाते नजर आ रहे हैं।

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13 भाषाओं में गाना को गाया गया है
पुराना ट्रैक ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ तीन संगीतकारों पंडित भीमसेन जोशी, लता मंगेशकर और एम बालमुरलीकृष्ण ने एक साथ गाया था। जाने-माने मराठी संगीतकार अशोक पाटकी भी उसका हिस्सा थे। रेल मंत्रालय ने बताया है कि इस नए वर्जन को सभी जोनल रेलवे में ‘सहानुभूति की भावना’ प्रदान करने के लिए 13 अलग-अलग भाषाओं में गाया गया है। यह गीत भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के आधार पर भारतीय रेलवे की उपलब्धियों, विकास और एकीकरण को बताने के लिए रेल मंत्रालय की पहल का एक हिस्सा है।

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‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक भाग के रूप में यह गीत विविधता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है। इस गाने का नया संस्करण न सिर्फ रेल कर्मचारियों को, बल्कि पूरे देश को भी प्रेरित करेगा। ये गीत आने वाली पीढिय़ों को भी प्रेरणा देगा। -दर्शना जरदोश, केंद्रीय रेल राज्यमंत्री