26 सितंबर की ‘मन की बात’ के लिए PM मोदी को भेज सकते हैं आप भी अपने सुझाव, जानिए कैसे और कहां

Prime Minister ने 26 सितंबर, 2021 की ‘मन की बात’ के लिये देशवासियों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसका मकसद लोगों के अच्छे सुझावों के आधार पर देश की योजनाओं को आगे बढ़ाया जा सके।

Asianet News Hindi | Published : Sep 16, 2021 5:35 AM IST / Updated: Sep 16 2021, 11:28 AM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Narendra Modi) ने देशवासियों का आह्वान किया है कि वे ‘मन की बात’ की 81वीं श्रृंखला के लिए अपने विचारों से अवगत कराए, जिसका प्रसारण रविवार, 26 सितंबर, 2021 को होगा। ‘मन की बात’ के लिये विचार नमो एप्प और Mygov एप्प पर दर्ज कराये जा सकते हैं। इसके अलावा टेलीफोन नंबर 1800-11-7800 पर भी संदेश रिकॉर्ड कराया जा सकता है।

एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा है
“इस महीने की #MannKiBaat के लिए कई दिलचस्प सुझाव मिल रहे हैं, जिसका प्रसारण 26 तारीख को होना है। नमो एप्प और Mygov  एप्प पर अपने विचार साझा करते रहें या अपना संदेश 1800-11-7800 पर रिकॉर्ड कराएं। पुरानी मन की बात सुनने क्लिक करें

मन की बात के बारे में
मन की बात आकाशवाणी पर प्रसारित किया जाने वाला एक कार्यक्रम है। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीयों को संबोधित करते हैं। इस कार्यक्रम का पहला प्रसारण 3 अक्टूबर 2014 को किया गया था। जनवरी 2015 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा भी मोदी के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे और भारतीयों के पत्रों के उत्तर दिए थे।

मन की बात में मोदी ने किया अपडेट
मुझे पूरा भरोसा है कि, हम सब अपनी अलग-अलग भूमिकाओं में साझा संकल्पों को लेकर आगे बढ़ेंगे, और एक नए भारत का सपना पूरा करेंगे।

देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ। अगर शब्दों में कहना है, तो इस सामर्थ्य का नाम है ‘आत्मनिर्भरता’

देश के नागरिकों के कर्तव्य क्या हैं, इसे लेकर निरंतर जागरूकता की जरूरत है।

हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है।

आज जब देश अपनी आज़ादी के 75 साल मना रहा है, तो हमारे सामने अतीत का गौरव भी है और भविष्य के संकल्प भी हैं। इन दोनों ही क्षेत्रों में मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका है।

भारत में लोकतंत्र हमारी जीवन धारा है! भारत लोकतन्त्र की जननी है।
 
भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है।

आज जब हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो हमें ये याद रखना है कि स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को हमें कभी भी मंद नहीं पड़ने देना है।

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