BJP's membership drive: देश की प्रमुख राजनैतिक पार्टी बीजेपी ने सोमवार को अपने सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया। नेशनल ऑफिस में पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के सदस्यता अभियान को लांच किया। अभियान में सबसे पहले पीएम मोदी ने अपनी सदस्यता को रिन्यू किया। पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय सदस्यता अभियान 2024 का शुभारंभ करते हुए मुझे बहुत गर्व का अनुभव हो रहा है। राष्ट्र प्रथम की भावना से काम हो रहा है। पार्टी बहुत कुछ सहन करके यहां तक पहुंची है। हम आलोचनाओं को झेलते हुए यहां तक पहुंचे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सदस्यता अभियान का एक और दौर प्रारंभ हुआ है। भारतीय जनसंघ से लेकर अबतक हमने देश में एक नई सांस्कृतिक संस्कृति लाने का भरसक प्रयास किया। बीजेपी ही एकमात्र दल है जो पार्टी संविधान के अनुसार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अपने काम का विस्तार करती है।
आईए जानते हैं भारतीय जनता पार्टी की चार दशक की सदस्यता यात्रा...
1980-2000: प्रारंभिक दो दशक
जनसंघ के नेताओं ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की थी। अपने प्रारंभिक वर्षों में पार्टी की सदस्यता आधार मुख्यतः उत्तरी और पश्चिमी भारत में सीमित थी। हालांकि, शुरूआती साल में सदस्य संख्या का उल्लेख नहीं है लेकिन बताया जा रहा है कि कुछ लाख के आसपास इसके सदस्य रहे।
90 का दशक और बीजेपी सदस्यता: 90 का दशक बीजेपी का उत्थान काल रहा। सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में राम मंदिर आंदोलन ने गति पकड़ा। रामरथ यात्रा ने बीजेपी की हिंदुत्व वाली छवि को आक्रामक पहचान दिलायी। कई राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने के बाद केंद्र में भी सरकार बनीं। 1990 के दशक के अंत तक बीजेपी के लाखों सदस्य बनें और यह एक प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित हुई।
2000-2010: बीजेपी का तेजी से हुआ विस्तार
90 का दशक बीतते बीतते भारतीय जनता पार्टी प्रमुख दल के रूप में स्थापित हो चुकी थी। बीजेपी ने उत्तर भारत में बडे़ लेवल पर विस्तार किया। विशेष रूप से गुजरात, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पार्टी ने पैठ बनाई। 2000-2010 के बीच पार्टी की सदस्यता अनुमानित रूप से 1 करोड़ से अधिक हो चुकी थी।
2010-2020: बीजेपी के डिजिटल युग की शुरूआत
2010 के दशक की शुरुआत के साथ भारतीय जनता पार्टी में डिजिटल युग का शुभारंभ भी होने लगा। 2010-2014 के बीच नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह के नेतृत्व में BJP ने अपनी सदस्यता बढ़ाने पर फोकस किया। "वन वोट, वन नोट" अभियान सदस्यता केवल धन जुटाने की रणनीति नहीं थी बल्कि देश के कोने-कोने में पैठ बनाने की पहल थी।
2015: सबसे बड़ी पार्टी बनने का अभियान
बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं के बल पर 2014 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनी। 2015 में बीजेपी ने सदस्यता अभियान शुरू किया तो उसका उद्देश्य विश्व में सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी का था। 2015 में BJP ने दावा किया कि उसके पास 10 करोड़ से अधिक सदस्य हैं। इस दावे ने उसे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बना दिया जोकि सदस्यों के मामले में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को भी पार कर गया।
2020-2024: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक फोकस
2020 के दशक की शुरूआत के साथ ही बीजेपी ने डिजिटल रूप से खुद को बदल दिया। उसने डिजिटल प्लेटफार्म को सारथी बनाया और उस पर अपनी निर्भरता बढ़ायी। 2024 तक BJP की सदस्यता अनुमानित रूप से 15 करोड़ से अधिक है।
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