5700 से ज्यादा मौतें, बह गए 4200 गांव, वैष्णो देवी से पहले 6 खतरनाक लैंडस्लाइड

Published : Sep 02, 2024, 05:15 PM IST
Wayanad Landslide

सार

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के नए मार्ग पर हुए भूस्खलन में दो महिला तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। यह घटना सोमवार को दोपहर करीब 2.35 बजे पांची के पास हुई। इससे पहले देश में भूस्खलन की कई घटनाएं हुईं, जिनमें 6 सबसे खतरनाक हैं।

नेशनल डेस्क : जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के नए मार्ग पर लैंडस्लाइड होने से दो महिला तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है, जबकि एक की हालत गंभीर है। यह हादसा (Vaishno Devi Landslide) सोमवार को दोपहर करीब 2.35 बजे पांची के पास हुआ। अचानक मिट्टी गिरने से रास्ते में ऊपर बना टीन शेड गिर गया, जिसकी चपेट में कई लोग आ गए। बताया जा रहा है कि मौसम खराब होने की वजह से लैंडस्लाइड हुआ। जिस रास्ते पर भूस्खलन हुआ है, वहां से श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी गई है। बता दें कि इससे पहले केरल का वायनाड लैंडस्लाइड का कहर देख चुका है। यहां जानिए देश में हुए अब तक 6 बड़े लैंडस्लाइड, जिनमें खूब तबाही मची।

देश में 6 सबसे खतरनाक लैंडस्लाइड

1. केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड

वायनाड में इसी साल 30 जुलाई को हुई लैंडस्लाइड में 400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। अभी कई लोग लापता हैं। कई लोगों को रेस्क्यू कर मलबे से निकाला गया है। बड़ी संख्या में लोगों ने रिलीफ कैंपों में शरण ली, जिनसे मिलने 10 अगस्त को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। बता दें कि वायनाड के 4 गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में भूस्खलन ने ज्यादा तबाही मचाई। पांच साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड की वजह से 17 लोगों की मौत हो गई थी, 5 लोगों का तो आजतक पता ही नहीं चल पाया, जबकि 52 घर बर्बाद हो गए थे।

2. महाराष्ट्र के मालिन में भूस्खलन

30 जुलाई, 2014 को महाराष्ट्र के मालिन गांव में भयंकर बरसात से भूस्खलन हुई। इसमें 151 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए। इस तबाही के बाद जो बचे उनका सबकुछ बर्बाद हो गया था।

3. केदारनाथ में भूस्खलन से तबाही

2013 में उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश का कहर आजतक लोग भूल नहीं पाए हैं। केदारनाथ समेत कई जगह हुई लैंडस्लाइड में 5,700 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, जबकि 4,200 से ज्यादा गांवों को पानी बहा ले गया था। इस तबाही का मंजर देख आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

4. मापला गांव में लैंडस्लाइड

उत्तराखंड के अलग होने से पहले उत्तर प्रदेश में अगस्त, 1998 में करीब एक हफ्ते तक जमकर बरसात हुई। तब भूस्खलन आने से एक गांव तबाह हो गया। 380 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

5. दार्जिलिंग में लैंडस्लाइड

लैंडस्लाइड का कहर दार्जिलिंग भी झेल चुका है। 4 अक्टूबर, 1968 को बाढ़ की वजह से भयानक भूस्खलन हुआ। जिससे 60 किलोमीटर तक लंबा नेशनल हाइवे-91 दो भाग में बंट गया। इस हादसे में 1,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। घर, चाय के बगान और सार्वजनिक संपत्तियां तबाह हो गई थीं।

6. गुवाहाटी में भयंकर बारिश का कहर

सितंबर, 1948 में असम के गुवाहाटी में भयंकर बारिश से बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड हुईं। इसमें एक गांव पूरी तरह खत्म हो गया था। 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और भारी नुकसान हुआ था।

इसे भी पढ़ें

वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन से मची तबाही, जाने कितनों की गई जान

 

PREV

Recommended Stories

राजकोट में दर्दनाक हादसाः गौशाला में जहरीला चारा खाने से 70 से ज्यादा गायों की मौत
केरल में NDA की शानदार जीत से गदगद हुए पीएम मोदी, बोले- थैंक्यू तिरुवनंतपुरम