सार

अमेरिकी कोर्ट ने खालिस्तानी नेता की हत्या की साजिश के मामले में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत कई अधिकारियों को समन भेजा है, जिससे कूटनीतिक तनाव का अंदेशा बढ़ गया है। भारत ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए समन की निंदा की है।

Ajit Doval summoned by US Court: अमेरिका ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को एक हत्या की साजिश के मामले में समन भेजकर इंटरनेशनल लेवल पर खलबली मचा दी है। अमेरिकी चाल के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तों में कूटनीतिक तनाव आने का अंदेशा जताया जा रहा है। दरअसल, अमेरिकी कोर्ट ने भारत सरकार और एनएसए अजीत डोभाल सहित रॉ के कई अधिकारियों के खिलाफ नामजद समन जारी किया है।

क्या अमेरिकी कोर्ट ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को किया समन?

दरअसल, खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून ने अमेरिकी दीवानी कोर्ट में एक केस दायर कर भारतीय अधिकारियों पर उसकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। पन्नून ने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने उसकी हत्या की साजिश रची थी। यह साजिश इसलिए विफल हो गई क्योंकि जिस भाड़े के किलर को भारतीय अधिकारियों ने उसे मारने के लिए हायर किया था वह अमेरिका का अंडरकवर एजेंट निकला।

किन लोगों के खिलाफ जारी हुआ अमेरिकी समन?

पन्नून की याचिका के बाद आधा दर्जन के आसपास भारतीय अधिकारियों को नामजद करते हुए केस में आरोपी बनाया गया है। अमेरिकी कोर्ट ने एनएसए अजीत डोभाल, पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल, रॉ एजेंट विक्रम यादव, व्यवसायी निखिल गुप्ता को समन जारी किया है। निखिल गुप्ता इस समय न्यूयार्क जेल में हैं। निखिल गुप्ता का ही नाम कथित तौर पर कांट्रेक्ट किलर को हायर करने में सामने आया था जिसके बाद उसे अरेस्ट किया गया था। भारत सरकार को समन का जवाब देने के लिए 21 दिन का समय दिया गया है।

भारत की क्या है इस मामले में प्रतिक्रिया?

भारत ने अमेरिकी कोर्ट के समन की कड़ी निंदा करते हुए इसे अनुचित और अप्रमाणिक करार दिया है। भारत सरकार ने बताया कि राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण गुरपतवंत सिंह पन्नून के संगठन को भारतीय कानून के तहत गैरकानूनी घोषित किया गया है। पन्नून भारत का भगोड़ा है। एक भगोड़ा के आरोपों पर ऐसा करना गलत है।

पन्नून की हत्या की साजिश का दावा अमेरिका ने ही किया था

खालिस्तानी समर्थकों को प्रश्रय देने के मामले में भारत-कनाडा के बीच बिगड़े संबंधों के दौरान अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि भारतीय अधिकारियों ने खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश रचे थे। नवंबर 2023 में पन्नून पर हमला हुआ जिसे अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम करने का दावा किया था। अमेरिका ने कनाडा को भारतीय अधिकारियों के शामिल होने संबंधी सबूत भी बिना देर किए उपलब्ध कराए थे। हालांकि, भारत ने इस तरह की किसी भी संलिप्तता को सिरे से खारिज कर दिया था।

क्या भारत-अमेरिकी संबंध पर पड़ेगा इस समन का प्रभाव?

अजीत डोभाल और कई भारतीय अधिकारियों को अमेरिकी कोर्ट से भेजे गए समन के बाद भारत-यूएस के संबंधों को लेकर लोग चिंता जता रहे हैं। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक दूरी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, विदेश मामलों के जानकार इससे नकार रहे हैं। उधर, भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी कहा कि ऐसे मामले दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित नहीं करेंगे। हालांकि, अमेरिकी कोर्ट का यह समन, दोनों देशों के संबंधों को लेकर इंटरनेशनल कानूनविदों और कूटनीतिज्ञों का ध्यान आकर्षित किया है।