सार

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में भक्तों को जानवरों की चर्बी से बने लड्डू का प्रसाद बांटा जाता था। इस दावे के बाद से करोड़ों श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया है। 

Tirupati Laddu controversy: आंध्र प्रदेश के विख्यात तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं में बंटने वाले प्रसाद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के दावे से करोड़ों श्रद्धालुओं को झटका लगा है। सीएम चंद्रबाबू ने दावा किया है कि पूर्ववर्ती जगनमोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में भक्तों को जानवरों की चर्बी से बने लड्डू का प्रसाद बांटा जाता था। मुख्यमंत्री के दावे के बाद प्रदेश ही नहीं देश के करोड़ों आस्थावान शॉक्ड हैं।

शॉकिंग है लैब टेस्ट रिपोर्ट?

दरअसल, आंध्र सीएम व टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू का तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में गाय-सुअर की चर्बी या मछली के तेल के मिले होने के दावे की वजह लैब टेस्ट रिपोर्ट बतायी जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पशुधन और खाद्य विश्लेषण और अध्ययन केंद्र (सीएएलएफ) की लैब रिपोर्ट में प्रसाद में जिस घी का इस्तेमाल किया जाता है, वह जानवरों के फैट का बना है। यह सब वाईएसआरसीपी के सत्ता में रहने के दौरान का मामला है। दावा किया गया है कि रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर के प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी में मछली के तेल, गोमांस की चर्बी और लार्ड यानि सूअर की चर्बी के अंश मिले हैं।

टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस आमने-सामने

चंद्रबाबू नायडू के दावे के बाद टीडीपी और वाईएसआरसीपी आमने-सामने हो गए हैं। टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू के दावे के बाद पार्टी ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में जब आई तो प्रसाद की क्वालिटी में सुधार कराया और एनिमल फैट का उपयोग, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। उधर, वाईएसआर कांग्रेस ने टीडीपी व सीएम चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। वाईएसआरसीपी के नेता वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने नायडू के बयानों को दुर्भावनापूर्ण कहा। उन्होंने कहा कि अगर चंद्रबाबू नायडू या उनकी पार्टी आरोपों के समर्थन में सबूत नहीं देती है तो वह कानूनी कार्रवाई को बाध्य होंगे।

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने दावा को बताया भ्रामक

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने तिरुपति मंदिर प्रसाद मामले में किए जा रहे दावे को खारिज कर दिया है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने स्पष्ट किया कि उसने चार वर्षों से अधिक समय से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी की आपूर्ति नहीं की है जिससे यह पता चलता है कि उनके घी में पशु वसा होने का दावा निराधार है।

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