लोकसभा चुनाव 2019 में जिन 144 सीटों पर भाजपा की हार हुई थी वहां पार्टी ने मोदी मैजिक के सहारे अपनी स्थिति बेहतर बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 40 रैलियां इन क्षेत्रों में आयोजित की जाएंगी।
नई दिल्ली। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के दौरान देशभर के जिन 144 सीटों पर बीजेपी की हार हुई थी वहां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पार्टी ने मोदी मैजिक इस्तेमाल करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) इन सीटों को टारगेट कर 40 रैलियां करेंगे। बीजेपी इसके लिए प्लानिंग कर रही है ताकि इन सीटों से 2024 के नतीजे 2019 से अलग आएं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक लोकसभा प्रवास योजना फेज-2 के तहत बीजेपी ने योजना बनाई है कि देश भर की 144 कमजोर या हारी हुई लोकसभा सीटों के लिए प्रधानमंत्री 40 बड़ी रैलियां करेंगे। इन सीटों को उनके क्षेत्र के अनुसार समूह में बांटा गया है। पीएम की रैली हर समूह में इस तरह आयोजित की जाएगी कि सभी सीटों को कवर किया जा सके। बाकी 104 सीटों पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय कैबिनेट मंत्री जनसभाएं करेंगे।
पार्टी की रणनीति है कि प्रवास के दौरान क्लस्टर प्रभारी को प्रभावशाली स्थानीय हस्तियों के साथ नियमित बैठकें करनी होंगी। भाजपा के स्थानीय असंतुष्ट नेताओं की शिकायतों को सुनना होगा और समाधान देना होगा। प्रवास योजना चरण -2 के तहत केंद्र सरकार के सभी 40 मंत्रियों को 5 सूत्री काम करना होगा।
इन पांच सूत्रों पर करना है काम
1-अभियान की योजना को लागू करना
2- जनसंपर्क कार्यक्रम चलाना
3- राजनीतिक प्रबंधन
4- भाजपा के पक्ष में लोगों के बीच भावनात्मक महौल बनाना
5- क्लस्टर के लोकसभा क्षेत्र में रातभर रहना
कैबिनेट मंत्री को करनी है स्थानीय नेताओं के साथ बैठकें
प्रवास के दौरान क्लस्टर के प्रभारी कैबिनेट मंत्री को स्थानीय धार्मिक नेताओं, संतों और विभिन्न समुदायों के स्थानीय नेताओं के साथ उनके घर या अन्य स्थान पर बैठक करनी है। उन्हें स्थानीय सामुदायिक उत्सवों और रीति-रिवाजों में भी सक्रिय रूप से भाग लेना है।
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प्रभारी कैबिनेट मंत्री को संघ के सभी संबद्ध संगठनों के स्थानीय अधिकारियों और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रभारी मंत्रियों और संगठन के प्रभारी नेता के साथ बैठक भी आयोजित करनी होगी। इसके अलावा स्थानीय प्रभावी मतदाता विशेष रूप से वकील, डॉक्टरों, प्रोफेसरों, व्यवसायियों और अन्य पेशेवर लोगों के साथ भी बैठकें करनी होंगी।
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