पीएम मोदी ने भारतीय भाषाओं में जजमेंट्स उपलब्ध कराने की CJI की पहल पर कही बड़ी बात, कहा-यह हमारी संस्कृति...

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रौद्योगिकी के लिए उनका मिशन उन लोगों तक पहुंचना है जिनके पास पहुंच नहीं है, पहुंच में और अंतर पैदा करना नहीं है।

CJI initiative for judgements in Indian Languages: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के भारतीय भाषाओं में जजमेंट्स की कॉपियों को उपलब्ध कराने की पहल की पीएम नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की प्रशंसा करते हुए कहा कि सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में एससी निर्णयों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने इसके लिए तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया। यह एक प्रशंसनीय सोच है जिससे कई लोगों, विशेषकर युवाओं को मदद मिलेगी।

क्या कहा पीएम नरेंद्र मोदी ने...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के पहल की प्रशंसा की है जिसमें उन्होंने भारतीय भाषाओं में जजमेंट्स की कॉपियों को वकीलों को उपलब्ध कराने की बात कही है। पीएम ने ट्वीट किया कि भारत में कई भाषाएं हैं, जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को जोड़ती हैं। केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को मातृ भाषा में पढ़ने का विकल्प देना शामिल है। हाल ही में एक समारोह में, माननीय सीजेआई जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में एससी निर्णयों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने इसके लिए तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया। यह एक प्रशंसनीय सोच है, जिससे कई लोगों, विशेषकर युवाओं को मदद मिलेगी।

मुख्य न्यायाधीश के किस पहल की हो रही है तारीफ?

दरअसल, शनिवार को सीजेआई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के एक कार्यक्रम में सभी भारतीय भाषाओं में जजमेंट्स की ट्रांसलेटेड कॉपियों को उपलब्ध कराए जाने की वकालत की थी। इसके लिए उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग का संकेत दिया था। उन्होंने सूचना अवरोधों या भाषाई गैप को टेक्नोलॉजी से दूर करने के महत्व को भी समझाते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी के लिए उनका मिशन उन लोगों तक पहुंचना है जिनके पास पहुंच नहीं है। पहुंच में अंतर पैदा करना नहीं है। टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भाषाई गतिरोध को समाप्त किया जा सकता है। और संबंधित भाषा में जजमेंट्स की कॉपियां सुलभ कराई जा सकती है। सीजेआई ने कहा कि उन्होंने मद्रास के एक प्रोफेसर से मुलाकात की जो एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में काम करते हैं और अगला कदम सभी भारतीय भाषाओं में निर्णयों की अनुवादित प्रतियां देना है। उन्होंने कहा कि इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि वंचित समुदायों के लोगों को पर्याप्त अवसर मिल सके।

सिस्टम की खामियों को ढंकने की जरूरत नहीं, उसे दूर करना होगा

सीजेआई ने युवा वकीलों से कहा कि हमें सिस्टम में जो कुछ भी गलत है, उसे ढंकने की जरूरत नहीं है। हमें कोशिश करनी चाहिए और इसे दूर करना चाहिए।

चंद्रचूड़ ने ही लाइव-स्ट्रीम को किया था शुरू

सितंबर 2022 में CJI चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी संविधान पीठ की सुनवाई को लाइव-स्ट्रीम करना शुरू किया। सीजेआई ने लाइव-स्ट्रीमिंग के लाभ को रेखांकित किया और कहा कि कानून के शिक्षक और छात्र अदालत के समक्ष लाइव मुद्दों को देख और चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि तब आपको एहसास होता है कि जब आप लाइव मुद्दों पर चर्चा करते हैं तो हमारे समाज में कितना अन्याय होता है।

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