नेपाल के PM प्रचंड के साथ नरेंद्र मोदी ने की बात, बोले- हम अपने रिश्तों को देंगे हिमालय जैसी ऊंचाई

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के पीएम पुष्पकमल दहल प्रचंड से मुलाकात की। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हम अपने रिश्तों को हिमालय जैसी ऊंचाई देने पर काम करेंगे।

 

Vivek Kumar | Published : Jun 1, 2023 7:46 AM IST / Updated: Jun 01 2023, 02:06 PM IST

नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड (Pushpakamal Dahal Prachanda) बुधवार को चार दिन यात्रा पर भारत आए। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम अपने रिश्तों को हिमालय जैसी ऊंचाई देने पर काम करेंगे।

नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री प्रचंड और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करता हूं। 9 साल पहले 2014 में कार्यभार संभालने के 3 महीने के भीतर मैंने नेपाल की पहली यात्रा की। उस समय मैंने भारत-नेपाल संबंधों के लिए एक HIT (हाईवेज, आईवेज और ट्रांसवेज) फॉर्मूला दिया था। मैंने कहा था कि भारत और नेपाल के बीच ऐसे संपर्क स्थापित करेंगे कि हमारी सीमाएं हमारे बीच बाधा न बनें। ट्रक की जगह पाइपलाइन से तेल का निर्यात होना चाहिए। साझा नदियों पर पुल बनाना चाहिए। नेपाल से भारत को बिजली निर्यात करने के लिए सुविधाएं बनाई जानी चाहिए। आज 9 साल बाद मुझे कहते हुए खुशी है कि हमारी साझेदारी वाकई हिट है।"

पीएम मोदी ने कहा, "हमने अनेक क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। बीरगंज में नेपाल की पहली ICP बनाई गई। भारत-नेपाल क्षेत्र में पहली क्रॉस बॉर्डर पेट्रॉलियम पाइप लाइन बनाई गई। पहली ब्रॉडगेज रेल लाइन स्थापित की गई। सीमा पर नई ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया गया। अब हम नेपाल से 450 मेगावाट से अधिक बिजली आयात कर रहे हैं। अगर हम 9 साल की उपलब्धियों का वर्णन करने लगेंगे तो पूरा दिन निकल जाएगा।"

भारत-नेपाल के बीच हुआ ट्रांजिट एग्रिमेंट

नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज मैंने और प्रधानमंत्री प्रचंड ने भविष्य में अपनी पार्टनरशिप को सुपरहिट बनाने के लिए बहुत से फैसले लिए हैं। आज ट्रांजिट एग्रिमेंट संपन्न किया गया है। इसमें नेपाल के लोगों के लिए नए रेल रूट्स के साथ-साथ भारत के इनलैंड वाटरवे की सुविधा का भी प्रावधान किया गया है। हमने नए रेल लिंक स्थापित कर फिजिकल कनेक्टिविटी को बढ़ाने का फैसला किया है। भारतीय रेल संस्थानों में नेपाल के रेल कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। नेपाल के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सिरसा और जुलाघाट में दो और पुल बनाए जाएंगे।"

उन्होंने कहा, "क्रॉस बॉर्डर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से वित्तीय कनेक्टिविटी के लिए उठाए गए कदमों का हम स्वागत करते हैं। इसका लाभ छात्रों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के साथ-साथ मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए भारत आए लोगों को भी मिलेगा। तीन आईसीपी के निर्माण से आर्थिक कनेक्टिविटी मजबूत होगी। पिछले साल हमने पावर सेक्टर में सहयोग के लिए एक लैंडमार्क विजन डॉक्यूमेंट बनाया था। इसे आगे बढ़ाने हुए आज भारत और नेपाल के बीच लॉन्ग टर्म पावर ट्रेड एग्रीमेंट संपन्न किया गया है।"

नेपाल से 10 हजार मेगावाट बिजली होगी आयात

प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने आने वाले दस वर्षों में नेपाल से 10 हजार मेगावाट बिजली आयात करने का लक्ष्य रखा है। मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इसे चितवन तक ले जाने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा सिलीगुड़ी से पूर्वी नेपाल में झापा तक एक और नई पाइपलाइन भी बनाई जाएगी। चितवन और झापा में नए स्टोरेज टर्मिनल लगाए जाएंगे। नेपाल में एक फर्टिलाइजर प्लांट स्थापित करने के लिए आपसी सहयोग पर भी हमारी सहमति हुई है।"

भारत और नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने और मजबूत हैं। इस सुंदर कड़ी को और मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड और मैंने निश्चय किया है कि रामायण सर्किट से संबंधी परियोजनाओं में तेजी लाई जानी चाहिए। हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे। इस भावना से सभी मुद्दों का चाहे सीमा हो या कोई और का समाधान करेंगे।"

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