लखनऊ में कनाडा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें प्लास्टर और पेंट की जरूरत नहीं होगी और तेजी से घर बनाने के लिए पहले से तैयार पूरी दीवारों का इस्तेमाल होगा।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्प्रेंस के माध्यम से लाइटहाउस परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा की। पीएम ने अनोखे अंदाज में लाइटहाउस परियोजनाओं को ड्रोन के जरिए देखा। प्रधानमंत्री ने 1 जनवरी, 2021 में नई तकनीक का उपयोग करने, आवास परियोजनाओं को अधिक लचीला बनाने और निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए लाइटहाउस परियोजनाओं की शुरुआत की थी।
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आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर विभिन्न स्थलों पर 6 लाइट हाउस परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। इंदौर में परियोजना में ईंट और मोर्टार की दीवारें नहीं होंगी, इसके बजाय वे पूर्वनिर्मित सैंडविच पैनल प्रणाली का उपयोग करेंगे। राजकोट में लाइट हाउस फ्रेंच तकनीक का उपयोग करके बनाए जाएंगे और सुरंग का उपयोग करके मोनोलिथिक कंक्रीट निर्माण तकनीक होगी। इस तकनीकी से बने घर प्राकृतिक आपदाओं को झेलने में अधिक सक्षम होंगे।
लखनऊ में कनाडा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें प्लास्टर और पेंट की जरूरत नहीं होगी और तेजी से घर बनाने के लिए पहले से तैयार पूरी दीवारों का इस्तेमाल होगा। चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड में प्रौद्योगिकियां प्रीकास्ट कंक्रीट सिस्टम का उपयोग करेंगी, जिससे घर का निर्माण तेज और सस्ता होगा।
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रांची में जर्मनी के थ्रीडी कंस्ट्रक्शन सिस्टम से घर बनाए जाएंगे। प्रत्येक कमरे को अलग से बनाया जाएगा और फिर पूरे ढांचे को उसी तरह जोड़ा जाएगा। अगरतला में न्यूजीलैंड की तकनीक का उपयोग कर स्टील फ्रेम के साथ मकान बनाए जा रहे हैं जो बड़े भूकंप के जोखिम का सामना कर सकते हैं। हर स्थान पर हजारों घर शीघ्रता से बनाए जाएंगे जो इन्क्यूबेशन सेंटर के रूप में कार्य करेंगे जिसके माध्यम से हमारे योजनाकार, आर्किटेक्ट, इंजीनियर और छात्र नई तकनीक के साथ सीखने और प्रयोग करने में सक्षम होंगे।