PM Security breach : सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को अब कनाडा आए धमकी भरे कॉल, दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

Pm Security breach : वकीलों का दावा है कि सोमवार को कॉल उन्हें सिख फॉर जस्टिस (SFJ)की ओर से इंग्लैंड के नंबर से आए थे। सारे कॉल ऑटोमेटेड थे। इनमें वकीलों से कहा गया था कि वो किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करे। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत एफआईआर दर्ज की है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 12, 2022 11:09 AM IST / Updated: Jan 12 2022, 06:58 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) द्वारा प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में समिति बनाने के कुछ देर बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को एक बार फिर धमकी भरे कॉल आए। कनाडा से आए इन काॅल्स में धमकी दी गई है कि 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को भी फिर से बाधित किया जाएगा। इस कॉल में अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है। दिल्ली पुलिस ने वकीलों की शिकायतों के आधार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।  

दंगा भड़काने और दो समुदायों में शत्रुता बढ़ाने वाली धाराओं में FIR 
शिकायतकर्ताओं में से एक सुप्रीम कोर्ट के वकील विशु शंकर जैन ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने उनकी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की है। यह FIR धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) समेत कई धाराओं में दर्ज की गई है। स्पेशल सेल मामले की जांच कर रही है। 

प्री रिकॉर्डेड कॉल से दी धमकी 
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को पत्र लिखकर उस अंजान कॉलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिसने पिछले हफ्ते पंजाब में पीएम मोदी के सुरक्षा उल्लंघन की जिम्मेदारी ली थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को +447418365564 नंबर से यह प्री-रिकॉर्डेड आई। इनमें से एक सुबह 10:40 बजे आई, जबकि इससे पहले सोमवार को लगभग 12:36 बजे ऐसी ही कॉल आई थी। 

सिख फॉर जस्टिस ने कहा- न करें सुप्रीम कोर्ट की मदद 
वकीलों का दावा है कि सोमवार को आई कॉल उन्हें सिख फॉर जस्टिस (SFJ)की ओर से इंग्लैंड के नंबर से आए थे। सारे कॉल ऑटोमेटेड थे। इनमें वकीलों से कहा गया था कि वो किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करे। दरअसल, सिख फॉर जस्टिस (SGJ) ने पंजाब के हुसैनिनवाला फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को रोकने की जिम्मेदारी ली है। उसका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट 1984 के सिख विरोधी दंगों के दोषियों को दंडित करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में वे पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले की सुनवाई भी खारिज करें।

वकील महेश जेठमलानी बोले - एनआईए करे जांच 
10 जनवरी को मिले कॉल के बाद सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने ट्वीट कर कहा था- सिख फॉर जस्टिस, यूएसए द्वारा भेजे गए ऑडियो को एहतियात के तौर पर माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑडियो पब्लिसिटी स्टंट या फर्जी भी हो सकता है, ताकि इस घटना के दोषियों तक जाने की कवायद हल्की हो जाए। चूंकि इसमें सुप्रीम कोर्ट के जजों/वकीलों के लिए खतरा है, इसलिए एनआईए को इसकी तुरंत जांच करनी चाहिए।

क्या है मामला 
5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बठिंडा से हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित शहीद स्मारक पहुंचना था। मौसम खराब होने की वजह से उन्होंने सड़क मार्ग से जाने का निर्णय लिया। लेकिन हुसैनीवाला से 30 किमी पहले एक ओवरब्रिज पर प्रधानमंत्री का काफिला प्रदर्शनकारियों की वजह से रोकना पड़ा। यहां पीएम का काफिला 15 से 20 मिनट रुका रहा था। बाद में पीएम को वापस लौटना पड़ा। इस मामले की जांच के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।

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