चंदन का पेड़ (Sandalwood tree) हिंदू धर्म (Hinduism) में पवित्र माना जाता है। चंदन का इस्तेमाल शुभ अवसरों पर किया जाता है। इस पवित्र पेड़ से जहरीले सांप (poisonous snakes) चिपके हुए आपने अक्सर देखे होंगे। चंदन के पेड़ पर सांप लिपटे रहते हैं। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि पेड़ के ठंडेपन की वजह से ऐसा होता है। महाकवि रहीम ने अपनी दोहे में इसका जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि चंदन के पेड़ पर सांप भले ही लिपटे रहते हों, लेकिन उसकी खुशबू से सांप के जहर पर कोई असर नहीं पड़ता। चंदन के पेड़ पर सांपों के ज्यादा होने की यही वजह भले ही ना हो, लेकिन वैज्ञानिक (scientist) ने इसके पीछे कुछ कारण बताए हैं। सांप, भोजन और सही तापमान चाहता है। ये सबकुछ उसे चंदन के पेड़ पर मिल जाता है, इसलिए वो यहां ज्यादा दिखाई देता है। चंदन के पेड़ पर सांप के लिपटे रहने की कोई पुख्ता वजह नहीं है.
चंदन के पेड़ की भीनी खुशबू सांपों को आकर्षित करती है : अगर आपको चंदन के पेड़ की पहचान नहीं है तो आप उसके पास खड़े हो जाएंगे, तो भी आपको पता नहीं चलेगा कि वो चंदन का पेड़ है। वजह, ये पेड़ दूर तक अपनी खुशबू नहीं फैलाता। जब इसकी छाल को रगड़ा जाता है, तभी आपको खुशबू आती है। लेकिन कहा जाता है कि सांपों को इसकी गंध आती है। सांपों में गंध की अद्भुत क्षमता होती है। कई शोध में ये बात साबित हो चुकी है। सांप सिर्फ अपने नथुनों से ही नहीं, बल्कि अपनी जीभ के ऊपरी हिस्से से भी गंध का पता लगाते हैं। चंदन के पेड़ की खुशबू सांपों को मदहोश कर देती है। दूर से ही पेड़ों की गंध का पता लगा लेने वाले सांप, चंदन का पेड़ मिलने पर उसे छोड़ते नहीं हैं। चंदन के पेड़ की तरह ही चमेली के फूल की खुशबू भी सांपों को आकर्षित करती है। चमेली के पौधे के आसपास भी आप सांपों को देख सकते हैं।
ठंडा होता है चंदन का पेड़ : चंदन का पेड़ प्रकृति में बहुत ठंडा होता है। इसके घने पत्ते, गर्मी को कम करते हैं। सांप ठंडी और अंधेरी जगहों पर रहना पसंद करते हैं। इसकी वजह है एक्टोथर्म। इस श्रेणी में आने वाले सरीसृप, अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए बाहरी चीजों पर निर्भर करते हैं। सांप झाड़ियों में, पानी के पास या बिलों में रहना पसंद करते हैं। रजनीगंधा, चंदन और चमेली की गर्मी बाकी पेड़ों और पौधों के मुकाबले बहुत कम होती है। इसलिए सांप उन पर ज्यादा रहते हैं। पत्तों के बीच ठंडी जगह पर सांप आराम से रहते हैं.
भोजन की कोई कमी नहीं : चंदन के पेड़ पर रहने वाले सांपों को भोजन की तलाश में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। चंदन का पेड़ ठंडा होने की वजह से कई कीड़े-मकोड़े इस पेड़ के पास आते हैं। वहीं, कीड़े-मकोड़ों को खाकर वो अपना पेट भर लेते हैं।
कर्नाटक, महाराष्ट्र में चंदन के पेड़ों की संख्या ज्यादा है। चंदन का पेड़ खुद अपना भोजन नहीं बनाता। वो भोजन और पानी के लिए दूसरे पेड़ों पर निर्भर रहता है। दूसरे पेड़ों की जड़ों से पानी सोखता है। भारत में सांपों की करीब 300 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। हर साल 1500 से ज्यादा लोगों की मौत सांप के काटने से हो जाती है.