मोदी सरकार को चुनौती के लिए 2024 लोकसभा चुनाव नहीं बल्कि इस चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट कर रहे केसीआर

होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी के पास अकेले 9194 वोट से कम वोट है। एनडीए सरकार के कैंडिडेट को चुनौती देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने पूरे देश में अभियान चला रखा है। वह समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाकर एक संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करना चाहते हैं। 

नई दिल्ली। बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले ही प्रमुख क्षेत्रीय दलों ने राजनीतिक हलचल की कोशिश कर दी है। समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को एकजुट करते हुए तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति का प्रत्याशी देने की पहल की है। जानकारों की मानें तो अगर विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए देता है तो सत्ता पक्ष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

केसीआर मिल चुके हैं अखिलेश व केजरीवाल से

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दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने और संयुक्त उम्मीदवार उतारने की कवायद करते हुए मोदी सरकार को चुनौती देना चाहते हैं। वह समाजवादी पार्टी प्रमुख पूर्व सीएम अखिलेश यादव व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात भी कर चुके हैं। इन मुलाकातों में वह राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विशेष चर्चा कर चुके हैं। 

देवेगौड़ा से मिलने बेंगलुरू जाएंगे केसीआर

केसीआर 26 मई को बेंगलुरु में पूर्व प्रधान मंत्री देवेगौड़ा और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात करेंगे। महीने के अंत में, वह मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी से मिलने के लिए पश्चिम बंगाल जाएंगे। केसीआर का बिहार जाने का भी कार्यक्रम है।

बिहार में नीतिश कुमार व तेजस्वी दोनों से मिलेंगे

बिहार दौरे पर जाने को इच्छुक तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव, पटना में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से मुलाकात करने के साथ ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से भी मिलेंगे। दोनों को साथ लाने का उनका प्रयास होगा। तेजस्वी, केसीआर से हैदराबाद में मिल चुके हैं। 

इन मुख्यमंत्रियों से भी करेंगे मुलाकात

केसीआर के ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी संपर्क करने की संभावना है। नवीन पटनायक का समर्थन महत्वपूर्ण हो सकता है। इससे पहले वह उनसे मिलने भुवनेश्वर गए थे।
केसीआर ने पिछले महीने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख शरद पवार दोनों से मुलाकात करने के लिए मुंबई की यात्रा भी की थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हैदराबाद में केसीआर से मुलाकात की थी।

फिलहाल कांग्रेस और जगनमोहन रेड्डी से दूरी

हालांकि, समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों से मिलकर एकजुटता लाने की कोशिश में लगे केसीआर ने कांग्रेस तक पहुंचने का कोई प्रयास नहीं किया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कांग्रेस उस उम्मीदवार का समर्थन करने का विकल्प चुन सकती है, जिस पर भाजपा उम्मीदवार को चुनौती देने के लिए अन्य दलों ने सहमति दी हो।
यही नहीं, केसीआर ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से भी संपर्क नहीं किया है। 

बीजेपी के पास 9194 वोटों से भी कम वोट

जानकार बताते हैं कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को अपने दम पर राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 9,194 वोटों से कम है। जीत के लिए वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल दोनों महत्वपूर्ण हो सकते हैं। 2017 में, न केवल युवजना श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और बीजेडी बल्कि टीआरएस और तेलुगु देशम पार्टी ने भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया था। 

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