मैसूर का दशहरा: राष्ट्रपति ने किया उत्सव का श्रीगणेश, 2 साल बाद फिर दिखेगा पहले जैसा उत्साह, पढ़िए 10 बातें

कर्नाटक का देश-दुनिया में प्रसिद्ध 10 दिवसीय दशहरा समारोह सोमवार(26 सितंबर) को धार्मिक और पारंपरिक उत्साह के साथ शहर के महलों में शुरू हुआ। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया। नाडा हब्बा-Nada Habba (राज्य उत्सव) के रूप में मनाया जाने वाला दशहरा या 'शरण नवरात्रि' उत्सव इस साल एक भव्य होगा।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 26, 2022 9:11 AM IST / Updated: Sep 26 2022, 02:44 PM IST

मैसूर(Mysuru). देश-दुनिया में प्रसिद्ध कर्नाटक का 10 दिवसीय दशहरा समारोह( Dasara celebrations ) सोमवार(26 सितंबर) को धार्मिक और पारंपरिक उत्साह के साथ शहर के महलों में शुरू हुआ। इसका उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू(President of India Droupadi Murmu) ने किया। नाडा हब्बा-Nada Habba (राज्य उत्सव) के रूप में मनाया जाने वाला दशहरा या 'शरण नवरात्रि' उत्सव इस साल एक भव्य आयोजन होने की उम्मीद है, जो कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है। पिछले दो वर्षों में COVID-19 महामारी को देखते हुए सिर्फ औपचारिक तौर पर मनाया जा सका था।

जानिए राष्ट्रपति के आगमन और उत्सव से जुड़ीं 10 बड़ी बातें
1.
राष्ट्रपति मुर्मू ने यहां चामुंडी पहाड़ियों के ऊपर चामुंडेश्वरी मंदिर के परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मैसूर राजघरानों की पीठासीन देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्प वर्षा कर शुभ "वृषिका लग्न" के दौरान उत्सव की शुरुआत की।

2. मुर्मू हाल के दिनों में मैसूर दशहरा में हिस्सा लेने वालीं पहली राष्ट्रपति हैं। उद्घाटन में उनके साथ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और शोभा करंदलाजे और राज्य मंत्रिमंडल के कई मंत्री भी थे।

3. राष्ट्रपति ने चामुंडेश्वरी मंदिर का भी दौरा किया और उद्घाटन से पहले देवी की पूजा की, जिन्हें "नाडा देवता" (राज्य देवता) कहा जाता है। यह भारत के राष्ट्रपति के रूप में किसी भी राज्य की उनकी पहली यात्रा भी है।

4. हर साल की तरह 10-दिवसीय आयोजन कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत को लोक कला रूपों के साथ प्रदर्शित करने के लिए तैयार है। यह उत्सव इस बार बड़ी भीड़ और पर्यटकों को आकर्षित करेगा, क्योंकि पिछले दो वर्षों में COVID-19 के कारण इस आयोजन को सीमित रखा गया था।

5. नवरात्र और दशहरा उत्सव पर और राज्य के नागरिकों को बधाई देते हुए कन्नड़ में अपना भाषण शुरू करने वालीं मुर्मू ने कहा कि इस तरह के त्योहार भारतीय समाज को एक साथ बांधते हैं और विविधता में एकता का उदाहरण देते हैं। मैसूर दशहरा एक ऐसा त्योहार है, जो भारत की समृद्ध संस्कृति के गौरव को उजागर करता है।

6.राष्ट्रपति ने कहा कि कर्नाटक वह भूमि भी है, जो भारत की समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं को दर्शाती है। उन्होंने बौद्ध और जैन परंपराओं के साथ राज्य के संबंध पर फोकस करते हुए कहा कि शंकराचार्य, सूफीवाद, और सामाजिक सुधार आंदोलन शुरू करने वाले बसवन्ना और अन्य विभूतियों ने 12 वीं शताब्दी में अपने "वचन" के माध्यम से "अनुभव मंडप" की स्थापना की थी।

7. राष्ट्रपति ने कहा कि कर्नाटक ने लंबे समय तक 'भक्ति', समानता, लोकतंत्र और महिला सशक्तिकरण के आदर्शों को कायम रखा है। राष्ट्रपति ने नवरात्रि के दौरान "नवदुर्गा" की पूजा को नारीत्व के उत्सव के रूप में वर्णित किया और कहा कि देवी की पूजा 'जो दया और बलिदान की प्रतीक है, साथ ही अन्याय और अहंकार का विनाशक भी है।

8. राष्ट्रपति ने विदेशी आक्रमणकारियों से लड़ने में उल्लाल की कित्तूर चेन्नम्मा और अब्बक्का महादेवी की वीरता और चित्रदुर्ग के ओनाके ओबाव्वा के साहस को याद करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण और उनका योगदान आज देश के सर्वांगीण विकास में परिलक्षित हो रहा है, लेकिन जरूरत है इसे और अधिक शक्ति देने के लिए।

9. बता दें कि नवरात्रि के शुभ दिनों के दौरान कर्नाटक में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दौरान मैसूर के महल, प्रमुख सड़कों, टर्नअराउंड या सर्कल और इमारतों को रोशनी से रोशन किया जाता है, जिसे "दीपलंकारा" के नाम से जाना जाता है।

10. इस वर्ष दशहरा के दौरान अम्बा विलास पैलेस और जगनमोहन पैलेस सहित आठ स्थानों पर लगभग 290 सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, फूड फेस्टिवल, फ़्लावर शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, किसान दशहरा, महिला दशहरा, युवा दशहरा, बच्चों का दशहरा और कविता पाठ जैसे दर्जनों कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। हालांकि, अंबा विलास महल के सामने सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होंगे, क्योंकि यह राज्य और राष्ट्रीय स्तर के प्रशंसित कलाकारों द्वारा प्रदर्शन के लिए मुख्य स्थल होगा। अन्य आकर्षणों में प्रसिद्ध दशहरा जुलूस (जंबुसावरी) और टॉर्च लाइट परेड शामिल हैं।

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