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नवरात्रि विशेषः रांची से 60 किमी दूर स्थित है 600 साल पुराना देवड़ी मंदिर, एम एस धोनी भी यहां करते है पूजा
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मंदिर को लेकर दो कहानियां प्रचलित
मां देवड़ी के मंदिर में देवी काली की मूर्ति करीबन करीब साढ़े तीन फुट ऊंची देवी 16 भुजाओं वाली हैं। बताते हैं कि मां के इस मंदिर क मूर्ति ओडिशा की मूर्ति कला पर आधारित है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना पूर्व मध्यकाल में तकरीबन 1300 ई. में सिंहभूम के मुंडा राजा केरा ने युद्ध में परास्त होकर लौटते समय की थी। पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि मंदिर की स्थापना करते ही राजा को उनका खोया हुआ राज्य सिंहासन वापस मिल गया था। मंदिर को निर्माण को लेकर एक ओर कथा प्रचलित हैं। पहली कथा में इस मंदिर का संस्थापक आदिवासी राजा केरा को बताया गया है।
वहीं दूसरी कहानी में ओडिशा से जुड़ी है। माना जाता है कि ओडिशा के चमरू पंडा यहां साल में 2 बार राजा के पास आते थे और तभी यहां पर पूजापाठ भी कराया करते थे। तब राजा ने पंडों से यहीं बसने को कहा। पंडे बस गए और फिर एक दिन वे जंगल में तपस्या कर रहे थे कि मां ने उन्हें दर्शन देकर कहा कि वह उनसे मिलना चाहती हैं। पंडों ने यह बात राजा को बताई तो राजा ने जंगल को साफ करवाना शुरू किया तो सफाई में एक काला पत्थर मिला। सफाई के बाद मजदूर थककर लौट आए तो फिर अगले दिन उन्होंने देखा कि वहां पर एक मंदिर खड़ा हो गया था। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि कलिंग अभियान के वक्त भारत के सम्राट अशोक ने इसका निर्माण करवाया था।
कुछ ऐसी दिखती है मां की प्रतिमा
मंदिर के गर्भ गृह में मां देउड़ी की 16 भुजी प्रमिता स्थापित है। माना जाता है कि यह प्रतिमा साढ़े 3 फीट ऊंची है। मां दुर्गा के बाएं चार हाथों में धनुष, ढाल, परम एवं फूल है, मगर अन्य 4 हाथों में क्या है यह स्पष्ट नहीं दिखता। वहीं देवी के दाएं हाथों में अन्य अस्त्र-शस्त्र हैं। मां की प्रतिमा को कई आभूषणों से सजाया गया है। नवरात्र के मौके पर यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है और मेला भी लगता है।
महेंद्र सिंह धोनी अक्सर आते हैं दर्शन के लिए
धोनी के जीवन में रांची के देउड़ी मंदिर की खास जगह है। माना जाता है कि धोनी जब-जब अपने घर रांची जाते हैं, वह मां देउड़ी के दर्शन करने जरूर जाते हैं। यहां तक कि वह जब भी कोई क्रिकेट सीरीज खेलने निकलते थे तो सोलहभुजी देवी मां के दरबार में हाजरी जरूर लगाते थे।
नवरात्री में उमड़ता है भक्तों का सैलाब
इस मंदिर में हिंदुओं के प्रमुख त्यौहार मनाये जाते हैं। नवरात्री के खास पर्व पर इस मंदिर में श्रद्धालु्ओं का हुजूम उमड़ता है। बताया जाता है कि नवरात्री के मौके पर इस मंदिर में करीबन 20 से 30 हजार भक्त माता का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।
झारखंड के आलावा आस पास के राज्यों से भी भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं। आम दिनों में भी मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम माता के जयकारों से गूंजता रहता है।
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साल 2011 में भी धोनी ने जब भारत को वर्ल्ड कप जितवाया था तो वह पहले मां के दरबार में दुआ मांगकर खेलने गए थे। फिर जीतने के बाद धोनी जैसे ही रांची पहुंचे थे तो सबसे पहले मां के दरबार में सिर झुकाने गए थे। धोनी के अलावा यहां भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर शिखर धवन भी मां देवरी के दर्शन के लिए आ चुके हैं।