राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) आज देश को संबोधित करेंगे। शाम सात बजे उनका भाषण प्रसारित किया जाएगा। राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्र के नाम उनका यह आखिरी संबोधन होगा। द्रौपदी मुर्मू सोमवार को संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) अपने कार्यकाल के आखिरी दिन रविवार को राष्ट्र को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्र के नाम उनका यह आखिरी संबोधन होगा। राष्ट्रपति चुनाव जीतने वालीं द्रौपदी मुर्मू सोमवार को शपथ ग्रहण करेंगी। शनिवार शाम को संसद में अपने विदाई भाषण में रामनाथ कोविंद ने पार्टियों से राष्ट्रहित में दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील की थी।
राष्ट्रपति का भाषण शाम सात बजे से आकाशवाणी के पूरे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाएगा। इसके साथ ही यह दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी में और उसके बाद अंग्रेजी में प्रसारित किया जाएगा। द्रौपदी मुर्मू अगली राष्ट्रपति चुनी गईं हैं। वह सोमवार को संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ लेंगी।
लोगों के कल्याण के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठें पार्टियां
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विदाई भाषण में पार्टियों से दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि लोगों के कल्याण के लिए पार्टियों को दलगत राजनीति से दूर रहना चाहिए। उन्होंने नागरिकों से विरोध व्यक्त करने और अपनी मांग पूरा कराने के लिए गांधीवादी तरीकों का इस्तेमाल करने को कहा। राष्ट्रपति ने भारतीय संसदीय प्रणाली की तुलना एक बड़े परिवार से की और सभी "पारिवारिक मतभेदों" को हल करने के लिए शांति, सद्भाव और संवाद के मूल्यों पर जोर दिया।
यह भी पढ़ें- विदाई समारोह में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद- यादें ताजा हो रहीं हैं, पूरी क्षमता से कर्तव्यों को निभाया
उन्होंने कहा कि नागरिकों को अपना विरोध व्यक्त करने और अपनी मांगों के समर्थन में दबाव बनाने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन उन्हें गांधीवादी साधनों का उपयोग करके अपने अधिकारों का शांतिपूर्वक उपयोग करना चाहिए। राजनीतिक दलों को अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, "जैसा कि किसी भी परिवार में होता है, संसद में कभी-कभी मतभेद होते हैं और आगे के रास्ते पर विभिन्न राजनीतिक दलों के अलग-अलग विचार हो सकते हैं। हम सभी इस संसदीय परिवार के सदस्य हैं। इनकी सर्वोच्च प्राथमिकता राष्ट्र के हित में लगातार काम करना है।
यह भी पढ़ें- Agnipath scheme: इंडियन नेवी में शामिल होने के लिए 3 लाख से अधिक युवाओं ने दिया आवेदन