दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में बोले पीएम मोदी- भारत के युवाओं पर बढ़ा विश्व का भरोसा, विकसित भारत हमारा लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार को मेट्रो ट्रेन में सवार होकर दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल होने पहुंचे। वह तीन भवनों की आधारशिला रखेंगे।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व का भारत के युवाओं पर भरोसा बढ़ा है। विकसित भारत बनाना हमारा लक्ष्य है। पीएम ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं बल्कि एक मूवमेंट रही है। इस यूनिवर्सिटी ने हर मूवमेंट को जिया है। इस यूनिवर्सिटी ने हर मूवमेंट में जान भर दी है। 

नरेंद्र मोदी ने कहा, "दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। कोई भी देश हो, उसकी यूनिवर्सिटी, उसके शिक्षण संस्थान उसकी उपलब्धियों का प्रतिबिंब होते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की भी 100 वर्षों की यात्रा में कितने ही ऐतिहासिक पड़ाव आए हैं। कोई इंसान हो या संस्थान, जब उसके संकल्प देश के लिए होते हैं तो उसकी सफलता भी देश की सफलताओं से कदम मिलाकर चलती है। पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और एम्स जैसे संस्थाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। ये सभी इंस्टीट्यूट न्यू इंडिया के बिल्डिंग ब्लॉक्स बन रहे हैं।"

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छात्र क्या सीखना चाहते हैं इसपर किया फोकस

पीएम ने कहा, "लंबे समय तक शिक्षा का फोकस इसी बात पर रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन हमने फोकस इस बात पर भी शिफ्ट किया है कि छात्र क्या सीखना चाहते हैं। शिक्षा की फ्यूचरिस्टिक नीतियों और फैसलों का परिणाम है कि आज भारतीय विश्वविद्यालयों की ग्लोबल पहचान बढ़ रही है। एक समय जब छात्र किसी इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेने से पहले सिर्फ प्लेसमेंट को ही प्राथमिकता देते थे। यानी, एडमिशन का मतलब डिग्री और डिग्री का मतलब नौकरी, शिक्षा यहीं तक सीमित हो गई थी। आज युवा जिंदगी को इसमें बांधना नहीं चाहता। वो कुछ नया करना चाहता है, अपनी लकीर खुद खींचना चाहता है।"

पीएम ने कहा, "कल तक AI और AR-VR के जो किस्से हम साइंस-फिक्शन फिल्मों में देखते थे, वो अब हमारी रियल लाइफ का हिस्सा बन रहे हैं। कोरोना के समय दुनिया का हर देश अपनी जरूरतों के लिए परेशान था, लेकिन भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ दूसरे देशों की भी मदद कर रहा था। इससे विश्व में एक जिज्ञासा पैदा हुई कि आखिर भारत के वो कौन से संस्कार हैं जो संकट में भी सेवा का संकल्प पैदा करते हैं।"

 

 

इससे पहले नरेंद्र मोदी ने विश्वविद्यालय पहुंचने के लिए मेट्रो ट्रेन की सवारी की। दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएम ने छात्रों से बातचीत की। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री दिल्ली यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेंटर, टेक्नोलॉजी संकाय के भवन और विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में बनने वाले अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला रखी। दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। पिछले सौ वर्षों में विश्वविद्यालय का काफी विकास और विस्तार हुआ है। इसमें 86 विभाग और 90 कॉलेज हैं। विश्वविद्यालय से अब तक छह लाख से अधिक छात्र उत्तीर्ण हो चुके हैं।

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