
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बेंगलुरु में आयोजित G20 डिजिटल इकोनॉमी मिनिस्टर्स मीटिंग (G20 Digital Economy Ministers Meeting) को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने दुनिया को बताया कि भारत ने डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में कैसी तरक्की की है। इसके साथ ही उन्होंने डिजिटल क्षेत्र में भारत के अनुभव को दुनिया के साथ शेयर करने की मंशा भी व्यक्त की।
नरेंद्र मोदी ने कहा, "बेंगलुरु शहर साइंस, टेक्नोलॉजी और उद्यमिता की भावना का घर है। डिजिटल इकोनॉमी पर चर्चा के लिए बेंगलुरु से बेहतर जगह नहीं है। पिछले 9 साल में भारत का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अभूतपूर्व रहा है। इसकी शुरुआत हमारी डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव 2025 की लॉन्चिंग के साथ हुई थी।"
भारत में है 850 मिलियन से अधिक इंटरनेट यूजर
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत के पास 850 मिलियन से अधिक इंटरनेट यूजर हैं। वे दुनिया में सबसे सस्ती डेटा का आनंद ले रहे हैं। हमने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शासन में सुधार के लिए किया है। इसने शासन को अधिक कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी बनाया है। हमारी बेहद खास डिजिटल पहचान वाली प्लेटफॉर्म आधार ने 1.3 बिलियन से अधिक हमारे लोगों को कवर किया है।"
उन्होंने कहा, "जनधन बैंक अकाउंट्स, आधार और मोबाइल की ताकत ने भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। हर महीने करीब 10 बिलियन ट्रांजेक्शन UPI पर होता है। दुनिया के 45 फीसदी से अधिक रियल टाइम पेमेंट्स भारत में होते हैं। सरकारी मदद डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा दी जा रही है, इससे पैसा सीधे लाभार्थी को मिलता है और लिकेज बंद हुआ है। इससे 33 बिलियन डॉलर से अधिक की बचत हुई है।"
दुनिया के साथ अपने अनुभव शेयर करने को तैयार है भारत
पीएम मोदी ने कहा, "कोविन पोर्टल के सहयोग से भारत के कोरोना टीकाकरण अभियान को चलाया गया। इसने भारत के लोगों को टीका देने में मदद की। इसके साथ ही टीका लगवाने वालों को डिजिटल सर्टिफिकेट्स भी मिले। गति शक्ति प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग कर रहा है। इससे कम लागत और तेजी से काम करने में मदद मिल रही है।"
उन्होंने कहा, “हम भाषिणी बना रहे हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ताकत वाला लैंग्वेज ट्रांसलेशन प्लेटफॉर्म होगा। यह भारत के सभी भाषाओं में डिजिटल को समावेशी बनाएगा। भारत विविधताओं से भरा देश है। अगर किसी समस्या का समाधान भारत में सफल होता है तो उसे दुनिया के किसी भी देश में सफलतापूर्वक अपनाया जा सकता है। भारत अपने अनुभव दुनिया के साथ शेयर करने के लिए तैयार है।”