मन की बात : PM ने सिख गुरुओं को किया नमन, बोले- साहिबजादों' को दीवार में चुनवा दिया, पर नहीं हुए टस से मस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर को आखिरी रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए जनता को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह 18वां संस्करण है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी मन की बात में किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 27, 2020 2:02 AM IST / Updated: Dec 27 2020, 12:31 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर के आखिरी रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए जनता को संबोधित किया। यह पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल का यह 19वां संस्करण है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, देश के सामान्य से सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया। मैंने देश में आशा का एक अद्भुत प्रवाह देखा है। चुनौतियां खूब आईं। संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चैन को लेकर अनेक बाधाएं आईं। लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए। देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ। अगर शब्दों में कहना है तो इस सामर्थ्य का नाम है, आत्मनिर्भरता। 

मेड इन इंडिया
पीएम मोदी ने कहा, दिल्ली के रहने वाले अभिनव बैनर्जी ने अपना अनुभव भेजा है, वह दिलचस्प है। अभिनव जी को अपनी रिश्तेदारी में बच्चों को गिफ्ट देने के लिए कुछ खिलौने खरीदने थे। इसलिए वे दिल्ली के झंडेवालान मार्केट गए। आप में से बहुत लोग जानते ही होंगे, ये मार्केट दिल्ली में साइकिल और खिलौनों के लिए जाना जाता है। पहले वहां महंगे खिलौनों का मतलब इंपोर्टिड खिलौने होता था और सस्ते खिलौने भी बाहर से आते थे। लेकिन अभिनव ने चिट्ठी में लिखा कि अब वहां के कई दुकानदार ग्राहकों को यह  बोलकर खिलौने बेच रहे हैं कि ये अच्छा वाला खिलौना है, क्योंकि यह मेड इन इंडिया है।



आत्मनिर्भर भारत 
पीएम मोदी ने बताया, मुझे विशाखापट्टनम से वेंकट मुरलीप्रसाद जी ने जो लिखा है, वह अलग ही विचार है। वेंकट जी ने लिखा है, मैं आपको 2021 के लिए एबीसी अटैच कर रहा हूं। पहले मुझे इसका मतलब समझ नहीं आया। तब मैंने देखा कि वेंकट ने चिट्ठी के साथ चार्ट भी अटैज किया था। इस चार्ट को देखा तो पता चला कि इसका मतलब आत्मनिर्भर भारत चार्ट है। यह बहुत ही दिलचस्प है। 

वेंकट ने सभी चीजों की पूरी लिस्ट बनाई है। जो वे रोजाना इस्तेमाल करते हैं। इसमें इलेक्ट्रानिक, सेल्फ केयर आइटम जैसे तमाम सामान शामिल हैं। वेंकट जी ने बताया कि हम जाने अनजाने में कई विदेशी प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनके विकल्प भारत में आसानी से मिल जाते हैं। अब उन्होंने कसम खाई है कि वे वही उत्पाद इस्तेमाल करेंगे, जो हमारे देशवासियों की मेहनत और पसीने से बने हैं। 


गुरु गोबिंद जी के पुत्रों को किया याद
पीएम मोदी ने कहा, हमारे देश में अत्याचारियों से देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता और रीति रिवाज को बचाने के लिए ना जाने कितने बलिदान दिए गए हैं। आज उन्हें याद करने का भी दिन है। आज के ही दिन गुरु गोबिंद जी के पुत्रों साहिबजादे जारोवर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था को छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें। लेकिन हमारे साहिबजादे ने इतनी कम उम्र में गजब का साहत दिखाया, इच्छा शक्ति दिखाई। दीवार में चुने जाते समय पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन फिर भी वो टस से मस नहीं हुए। 

आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी माता गुजरी ने शहादत दी थी। करीब एक सप्ताह पहले श्री गुरु तेग बहादुर जी की भी शहादत का दिन था। मुझे यहां दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज जाकर गुरु तेग बहादुरजी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का मत्था टेकने का अवसर मिला। इसी महीने गुरु गोविंद जी से प्रेरित अनेक लोग जमीन पर सोते हैं। लोग गोविंद सिंह जी के परिवार के लोगों के द्वारा दी गई शहादत को बड़ी भावपूर्ण अवस्था में याद करते हैं। इस शहादत को मानवता को देश को नई सीख दी। 
 


भारत में तेंदुओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी
पीएम मोदी ने कहा, मैं एक ऐसी बात बताने जा रहा हूं, जिससे आपको आनंद भी आएगा और गर्व भी होगा। भारत में तेंदुओं की संख्या मे 2014 से 2018 के बीच 60% अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या 7900 थी, वहीं, 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 12852 हो गई है। देश में मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा तेंदुओं की आबादी है। ऐसे में भारत ने तेंदुओं को सुरक्षित रखने में पूरे विश्व को रास्ता दिखाया है। 


कोयंबटूर की बेटी ने कुत्ते के लिए बनाई  Wheel chair
पीएम मोदी ने कहा, मैंने तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक हृदयस्पर्शी प्रयास के बारे में पढ़ा। आपने भी सोशल मीडिया पर इसका वीडियो देखा होगा। हम सबने इंसानों के लिए व्हील चेयर देखी है, लेकिन कोयंबटूर की बेटी गायत्री ने अपने पिताजी के साथ एक पीड़ित डॉग के लिए भी व्हील चेयर बना दी। ये संवेदनशीलता प्रेरणा देने वाली है और ये तभी हो सकता है, जब व्यक्ति हर जीव के प्रति दया और करुणा से भरा हो। 


युवाओं की ब्रिगेड का किया जिक्र
पीएम मोदी ने युवाओं की एक टीम का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं की टीम के बारे में मुझे बताया गया जो खुद को युवा ब्रिगेड कहती है। दरअसल, इस ब्रिगेड में कर्नाटक में श्रीरंगपट्न के पास स्थित वीरभद्र स्वामी नाम के एक प्राचीन शिवमंदिर का कायाकल्प कर दिया। मंदिर के हर तरफ घास-फूस और झाडियां थीं, इनके चलते मंदिर दिखता तक नहीं था। एक दिन कुछ पर्यटकों ने यह फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। युवा ब्रिगेड ने जब इस पोस्ट को देखा तो वे इसका जीर्णोद्धार करने पहुंच गई। उन्होंने मंदिर परिसर को साफ किया और मरम्मत और निर्माण किया। उनके अच्छे काम को देखते हुए जनता ने भी मदद की। किसी ने सीमेंट दिया किसी ने पेंट। ये सभी युवा प्रोफेशन से जुड़े हैं। इन्होंने वीकेंड पर समय निकालकर मंदिर के लिए कार्य किया। 

पीएम ने कहा, जब मैं युवाओं को देखता हूं तो खुद को आनंदित और आश्वस्त महसूस करता हूं। क्यों कि मेरे देश के युवाओं में केन डू की अप्रोच है और विल डू की स्प्रिट है। उनके लिए कोई चुनौती बड़ी नहीं है।


अगली बार कश्मीर की ही केसर खरीदें
पीएम मोदी ने कहा, कहत हैं कि अकबर के दरबार में एक प्रमुख सदस्य अबुल फजल थे। उन्होंने एक बार कश्मीर की यात्रा के बाद कहा था कि कश्मीर में एक एक ऐसा नजारा है। इसे देखकर चिड़चिड़े और गुस्सैल लोग भी खुशी से झूम उठेंगे। दरअसल, वे कश्मीर के केसर के खेतों के बारे में बता रहे थे। 

पीएम मोदी ने कहा, केसर सदियों से कश्मीर से जुड़ा हुआ है। कश्मीरी केसर मुख्य रूप से पुलवामा, बडगाम, किश्तवाड़ जैसी जगहों पर उगाया जाता है। इसी साल मई में कश्मीरी केसर को जीआई टैग दिया गया है। इसके जरिए हम कश्मीरी केसर को ग्लोबली पॉपुलर ब्रांड बनाना चाहते हैं। कश्मीरी केसर वैश्विक स्तर पर एक ऐसे मसाले के रूप में प्रसिद्ध है, जिसके कई प्रकार के औषधीय गुण हैं। यह अत्यंत सुगंधित होता है। इसका रंग गाढ़ा होता है। इसके धागे लंबे व मोटे होते हैं। केसर को दुबई के एक सुपर मार्केट में भी लॉन्च किया गया। इससे आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती मिलेगी। केसर के किसानों को इससे विशेष रूप से लाभ होगा। इसलिए अगली बार कश्मीर का केसर ही खरीदें।

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