पंजाब कांग्रेस में जारी कलह के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को दिल्ली में पार्टी के पैनल से मुलाकात की। सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान ने तीन सदस्यीय पैनल बनाया है। इसे हरीश रावत लीड कर रहे हैं। मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू, परगट सिंह और अन्य नेताओं से पैनल ने चर्चा की। शुक्रवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली आएंगे। वे भी पैनल के सामने अपनी बात रखेंगे। बता दें कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले ही दो दर्जन विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
नई दिल्ली. पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह चरम पर पहुंच गई है। मंगलवार को नई दिल्ली में पार्टी के पैनल से मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि सत्य कभी पराजित नहीं होता। सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच विवाद सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान ने तीन सदस्यीय पैनल बनाया है। इसे हरीश रावत लीड कर रहे हैं। मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू, परगट सिंह और अन्य नेताओं से पैनल ने चर्चा की। शुक्रवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली आएंगे। वे भी पैनल के सामने अपनी बात रखेंगे। बता दें कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले ही दो दर्जन विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा
सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता है। पंजाब के सच और हक की आवाज मैंने हाई कमान को बुलंद आवाज में बताई है। पंजाब को जिताना है और हर पंजाब विरोधी ताकत को हराना है। जो कुछ भी हाईकमान ने पार्टी के हित में पूछा उन्हें पूरी तरह से सजग कर दिया है। पंजाब के लोगों की आवाज हाईकमान तक पहुंचाने आया हूं और मेरा पक्ष है कि पंजाब के लोगों की वित्तीय ताकत जो टैक्स के रूप में सरकार को जाती है, वो लोगों तक वापस जानी चाहिए।
'गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी मामले पर नाराज हैं सिद्धू
2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान मामले में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाने के मुद्दे पर सिद्धू लंबे समय से कैप्टन से नाराज हैं। इसी मामले में सुनील जाखड़ ने कहा कि जिन लोगों ने गोली चलाने के आदेश दिए और निहत्थे सिखों को मारने वाले बक्शे नहीं जाएंगे।
अप्रैल में सिद्धू ने ट्वीट करके कैप्टन को घेरा था
गुरु ग्रंथ साहिब मामले में सिद्धू ने अप्रैल में एक ट्वीट किया था। सिद्धू ने कहा था कि क्या गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान का मामला गृह मंत्रालय के लिए प्रायोरिटी में नहीं है? सरकार अपनी जवाबदेही से बच रही है, महाधिवक्ता(Advocate General) को बलि का बकरा बनाना यह दिखता है कि कार्यकारी प्रशासन (Executive Authority ) के पास कोई नियंत्रण नहीं है। आखिर महाधिवक्ता पर किसका आदेश चलता है? इस खेल में कानूनी दल सिर्फ मोहरा हैं।
जानें पूरा मामला
बता दें कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा 2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान मामले में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाने के मामले में जांच रिपोर्ट खारिज कर दी गई थी। इसके बाद सिद्धू की यह टिप्पणी सामने आई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया था कि वो जांच के लिए नए सिरे से एसआईटी का गठन करे। इसमें आईपीएस कुंवर विजयप्रताप सिंह को शामिल न करे। श्री सिंह ने जांच रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले अमृतसर के विधायक ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग उठाई थी।