पंजाब सरकार का बड़ा ऐलान, दिल्ली में हुए किसान Tractor Rally में अरेस्ट सभी किसानों को देंगे 2-2 लाख का मुआवजा

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बार्डर्स पर किसानों का आंदोलन पिछले एक साल से जारी है। केंद्र द्वारा लागू किए गए कानूनों को रद्द करने की मांग किसान कर रहे हैं। आने वाले 26 नवम्बर को दिल्ली बार्डर्स पर डेरा जमाए किसानों के एक साल हो जाएंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 13, 2021 2:12 AM IST / Updated: Nov 13 2021, 07:56 AM IST

चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) की आहट शुरू होते ही पंजाब सरकार (Punjab Government) ने मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है। कृषि आधारित प्रदेश में किसानों को खुश करने के लिए राज्य सरकार ने किसान आंदोलन के लिए बड़ा ऐलान किया है। 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान भड़की हिंसा के बाद अरेस्ट हुए किसानों को आर्थिक मदद का ऐलान किया है। कांग्रेस सरकार ऐसे 83 किसानों को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है। चन्नी सरकार के इस फैसले के बाद बीजेपी और कांग्रेस में रार छिड़ने के आसार दिखने लगे हैं। 

दिल्ली के बार्डर्स पर सबसे अधिक हरियाणा-पंजाब के किसान

दरअसल, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बार्डर्स पर किसानों का आंदोलन पिछले एक साल से जारी है। केंद्र द्वारा लागू किए गए कानूनों को रद्द करने की मांग किसान कर रहे हैं। आने वाले 26 नवम्बर को दिल्ली बार्डर्स पर डेरा जमाए किसानों के एक साल हो जाएंगे। बीते 26 जनवरी को ही किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस रैली में हिंसा भड़ गई थी। हिंसा के बाद 83 किसानों को अरेस्ट कर लिया गया था। 

83 किसानों को सहायता

हिंसा के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किए गए 83 लोगों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट में पुष्टि की कि उनकी सरकार दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुआवजा देगी।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए मेरी सरकार के रुख को दोहराते हुए, हमने 26 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। 

 

पंजाब सरकार लाएगी किसानों के हित में कानून

सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों का समर्थन करती रही है। राज्य को लगता है कि तीन कानून उनके किसानों के लिए उपयोगी नहीं हैं, और राज्य विधानसभा में प्रस्तावों के साथ आगे बढ़े हैं, जिन्हें एक राज्य कानून बनाया जा सकता है जो केंद्रीय कानूनों के प्रभावों को नकार देगा।

पंजाब सरकार का आरोप है कि कृषि उपज विपणन समितियां या मंडियां निजी मंडियां बन जाएंगी और इससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान होगा, जिससे ग्रामीण विकास को नुकसान होगा। हालांकि, केंद्र ने कहा है कि नए कानून किसानों के लिए अच्छे हैं क्योंकि उन्होंने बिचौलियों को खत्म कर दिया है।

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