सूर्यास्त के साथ ही पहले दिन की यात्रा पूर्ण हुई। प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ, रोक दिए गए हैं। महाप्रभु की पूजा रविवार को रथों पर ही होगी। सोमवार सुबह भी रथों पर ही पूजा होगी। सुबह नियमित पूजा-पाठ के बाद महाप्रभु का रथ आगे यात्रा के लिए बढ़ेगा। रविवार को लाखों भक्तों ने महाप्रभु के रथ को खींचा। इसमें राष्ट्रपति भी शामिल रहीं। लाखों लोग रथ को खींचने के लिए पहुंचे थे इसलिए यह यात्रा रूकरूक कर आगे बढ़ रही थी।