क्या है सेंगोल का इतिहास? जिसको हटाने की मांग करके SP सांसद आरके चौधरी ने पैदा कर दिया विवाद

Published : Jun 27, 2024, 03:04 PM IST

समाजवादी पार्टी (SP) सांसद RK  चौधरी ने लोकसभा से पवित्र सेंगोल को हटाने की मांग कर दी है। इसको लेकर जबरदस्त विवाद पैदा हो चुका है। हालांकि, आज हम आपको सेंगोल के इतिहास के बारे में बताएंगे।

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सेंगोल को संसद से हटाकर संविधान में रखने की मांग

RK  चौधरी ने सेंगोल को राजा का डंडा  या लोकतंत्र में राजशाही का एक प्राचीन प्रतीक होने का दावा करते हुए कहा कि सेंगोल को संसद से हटाकर संविधान में रखना चाहिए।

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भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार

यूपी के महाराजगंज से सपा सांसद ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नई संसद में सेनगोल को स्थापित करके 'राजशाही' स्थापित करने का आरोप लगाया।

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल 28 मई को दिल्ली में संसद के नए भवन का उद्घाटन करने के दौरान सेंगोल की स्थापना की थी।

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सेंगोल संस्कृत शब्द 'संकु'

सेंगोल संस्कृत शब्द 'संकु' से लिया गया है, जिसका मतलब शंख है। सनातन धर्म में शंख को बहुत ही पवित्र माना जाता है।

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सेंगोल चोल साम्राज्य से संबंध रखता है

सेंगोल चोल साम्राज्य से संबंध रखता है और इस पर नंदी भी बने हुए हैं। सेंगोल तमिल भाषा का शब्द है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न और ऐतिहासिक है। सेंगोल शब्द का अर्थ और भाव नीति पालन से है।

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तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के अधीनम मठ से सेंगोल स्वीकार किया है। इसके बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया गया।

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तमिल पुजारियों के हाथों सेंगोल स्वीकार किया

इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 को तमिल पुजारियों के हाथों सेंगोल स्वीकार किया था। नेहरू ने इसे अंग्रेज़ों से भारत को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर स्वीकार किया था।

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सेंगोल को तमिलनाडु से मंगाया गया

देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने सी राजगोपालाचारी से राय ली। उन्होंने सेंगोल के बारे में जवाहरलाल नेहरू को जानकारी दी। इसके बाद सेंगोल को तमिलनाडु से मंगाया गया और 'राजदंड' सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था।

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