ओम बिरला का सफरः कम उम्र में रखा राजनीति में कदम, पहली बार 2014 में पहुंचे लोकसभा
18वीं लोकसभा के अध्यक्ष लोकसभा ओम बिरला को बनाया गया है। पहले यह माना जा रहा था कि उन्हें सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन विपक्ष ने के सुरेश को उम्मीदवार बना दिया। हालांकि, ओम बिरला ध्वनिमत से चुने गए।
sourav kumar | Published : Jun 26, 2024 8:51 AM IST / Updated: Jun 26 2024, 07:43 PM IST
ओम बिरला की राजनीतिक सफर
ओम बिरला की राजनीतिक सफर की बात करें तो उन्होंने 17 साल की उम्र से ही राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी थी।
ओम बिरला का जन्म
4 दिसंबर 1962 को जन्मे ओम बिरला ने 17 साल की उम्र से ही राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी थी। साल 2003 में उन्होंने कोटा साउथ विधानसभा से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस नेता शांति धारीवाल को हराकर विधानसभा पहुंचे थे।
2014 में कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा
ओम बिरला पहली बार 2014 में कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी इज्यराज सिंह को 2 लाख से अधिक वोटों से हराया था। 2019 में उन्होंने दोबारा चुनाव जीता और लोकसभा के अध्यक्ष बनाए गए।
भाजपा ने ओम बिरला पर तीसरी बार भरोसा जताया
2024 में भी भाजपा ने ओम बिरला पर तीसरी बार भरोसा जताया। इस बार उन्होंने 41 हजार 974 वोटों से कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल को हराया।
ओम बिरला लंबे समय तक भाजपा युवा मोर्चा में रहे
ओम बिरला लंबे समय तक भाजपा युवा मोर्चा में रहे हैं। साथ ही राजस्थान का बड़ा वैश्य चेहरा भी है। एक बार संसदीय सचिव भी रह चुके हैं।