Rafael Deal: फ्रेंच पोर्टल की रिपोर्ट के बाद फिर कांग्रेस V/s भाजपा, सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड में आया मुद्दा

Rafael डील पर फ्रेंच पोर्टल 'Mediapart' पर आई एक रिपोर्ट से फिर से राजनीति गर्मा गई है। इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर भी Rafael ट्रेंड में आ गया है।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 10, 2021 3:49 AM IST / Updated: Nov 10 2021, 09:24 AM IST

नई दिल्ली. राफेल सौदे (Rafael Fighter Jet) कथित तौर पर घूस लिए जाने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में हैं। Rafael डील पर फ्रेंच पोर्टल 'Mediapart' पर आई एक रिपोर्ट से फिर से राजनीति गर्मा गई है। इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर भी Rafael ट्रेंड में आ गया है।

65 करोड़ के कमिशन पर बवाल
फ्रेंच पोर्टल 'Mediapart' की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि दसॉ (Dassault) ने भारत को 36 राफेल फाइटर जेट बेचने का सौदा हासिल करने के लिए मिडिलमैन को करीब 7.5मिलियन यूरो(65 करोड़ रुपए) का भुगतान किया था। भारतीय एजेंसियां, दस्‍तावेज होने के बावजूद इसकी जांच करने में नाकाम रहीं। इस मामले में जब 9 नवंबर को भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि ये कमिशन यूपीए सरकार में दिया गया था, तब कांग्रेस ने पलटवार किया कि मामले की जांच जाइंट पॉर्लियामेंट्री कमेटी(Joint parliamentary committee-JPC) से क्यों नहीं कराई जा रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने tweet किया कि जब सत्य साथ है, तो फिक्र की क्या बात है। गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ लड़ते रहें।

संबित पात्रा ने लगाया था आरोप
BJP प्रवक्‍ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने 9 नवंबर को कहा कि खुलासा हो गया है कि वर्ष 2007 से 2012 तक उनकी अपनी सरकार सत्‍ता में थी जब कमीशन दिया गया। बिचौलिये का नाम भी सामने आ गया है। दूसरी ओर कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बीजेपी इस मामले में जेपीसी से क्यों भाग रही है। अगर साफ सुथरी है तो उसे जेपीसी से भागना नहीं चाहिए। 

सोशल मीडिया ट्रेंड
राफेल सौदे (Rafael Fighter Jet) का विवाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड पकड़ गया है। इसमें #DalalGandhiParivar और # Rafael ट्रेंड में है। बता दें कि भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल जेट की डील की है। इनके तहत भारत को 30 लड़ाकू और 6 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट मिलेंगे। भारत में 29 जुलाई को चीन से विवाद के बीच 5 राफेल मिले थे। इसके बाद 4 नवंबर 2020 को 3 विमान मिले। वहीं, तीसरे बैच में 27 जनवरी को 3 राफेल लड़ाकू विमान भारत आए। जुलाई में तीन और राफेल भारत आए। अभी तक 14 लड़ाकू विमान भारत आ चुके हैं। राफेल की पहली स्क्वाड्रन अंबाला एयरफोर्स बेस पर तैनात की गई है। वहीं, दूसरी स्क्वाड्रन प बंगाल के हाशिमारा में तैनात की जाएगी।

बार-बार उठता रहा है मामला
फ्रांस की एक वेबसाइट मीडियापार्ट ने अप्रैल, 2021 में राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार का मामला उठाया था। मेडियापार्ट ने यह तक दावा किया था फ्रांस की सार्वजनिक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा के पूर्व प्रमुख इलियाने हाउलेट ने कथिततौर पर इसकी जांच को रोक दिया था। हालांकि अब वर्तमान प्रमुख जीन-फ्रेंकोइस बोहर्ट इसकी जांच कराने में दिलचस्पी ले रहे हैं। इस डील पर पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांदे, मौजूदा फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (तब वित्त मंत्री) और विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन (तब रक्षा विभाग संभाल रहे थे) ने हस्ताक्षर किए थे।

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