BJP वाले हिन्दू नहीं हैं, मैं किसी भी विचारधारा से समझौता कर सकता हूं RSS से नहीं: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा- नफरत से नहीं लड़ना है, नफरत हमारा औजार नहीं है, हमारा औजार प्यार  है। जिस दिन हमने नफरत से लड़ना शुरू किया तो इसका मतलब हम डर गए, नफरत डर का ही एक रूप है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 15, 2021 1:02 PM IST

नई दिल्ली.  ऑल इंडिया महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस पर पार्टी के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा- ये (भाजपा वाले) हिन्दू नहीं हैं। बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा एक जैसी है। मैं कभी भी इस विचार धारा के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं। राहुल ने कहा- ये किस प्रकार के हिन्दू हैं? ये झूठे हिन्दू हैं; ये हिन्दू धर्म का प्रयोग करते हैं, ये धर्म की दलाली करते हैं; मगर ये हिन्दू नहीं हैं।

 

 


राहुल ने कहा- मैं बाकी विचारधारों के साथ कोई न कोई समझौता कर सकता हूं, मगर मैं आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा के साथ कभी समझौता नहीं कर सकता। भाजपा अपने आप को एक हिन्दू पार्टी कहती है और पूरे देश में दुर्गा जी और लक्ष्मी जी पर आक्रमण करते हैं; जहाँ भी यह जाते हैं तो कहीं दुर्गा को मारा जाता है तो कहीं लक्ष्मी को मारा जाता है। राहुल ने कहा-  जो लक्ष्य को पूरा करे उस शक्ति को हम लक्ष्मी कहते हैं, जो रक्षा करने का काम करे उस शक्ति को हम दुर्गा कहते हैं।

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अगर महात्मा गांधी जी ने हिन्दू धर्म को समझा और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी हिन्दू धर्म को समझने में लगा दी तो RSS की विचारधारा ने उस हिन्दू की छाती में तीन गोली क्यों मारी। पिछले 100-200 सालों में अगर किसी एक व्यक्ति ने हिन्दू धर्म को समझा हो और उसे अपना अभ्यास बनाया है तो वो केवल महात्मा गांधी जी हैं। इसे हम भी मानते हैं और भाजपा-RSS के लोग भी मानते हैं। 


गांधी जी की फोटो में आपको तीन से चार महिलाएं दिखेंगी ही दिखेंगी। कभी आपने मोहन भागवत जी के साथ किसी महिला की फोटो देखी है? नहीं देखी, क्योंकि इनका संगठन महिला शक्ति का दमन करता है और हमारा संगठन महिला शक्ति को एक मंच देता है। नरेंद्र मोदी जी और RSS ने महिला को हिन्दुस्तान का प्रधानमंत्री नहीं बनाया। कांग्रेस पार्टी ने बनाया है। तो हमारे लिए चाहे वह महिला हो या पुरुष, दलित हो या आदिवासी या किसी भी प्रदेश का हो, हमारे लिए सब एक हैं।

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नफरत से नहीं लड़ना है, नफरत हमारा औजार नहीं है, हमारा औजार प्यार  है। जिस दिन हमने नफरत से लड़ना शुरू किया तो इसका मतलब हम डर गए, नफरत डर का ही एक रूप है और जिस दिन हमने नफरत दिखाई हम कांग्रेसी नहीं रहे। 
 

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