राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में साथ खड़े होने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अचानक लॉकडाउन किए जाने से आय के सारे स्रोत बंद हो गए हैं जिससे मजदूर पलायन कर रहे हैं। विकट स्थिति से बचने के लिए इसे रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए।
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लागातार बढ़ रहे हैं। रविवार को संक्रमित मरीजों की संख्या 1 हजार के पार हो गई। जबकि 28 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार हर स्तर पर जानलेवा महामारी कोविड-19 से निपटने के प्रयास कर रही है। इसके लिए लॉकडाउन और राहत पैकेज दिए जाने जैसे कदम उठाए गए हैं। इन सब के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पीएम मोदी को कोरोना वायरस से निपटने के लिए सुझाव दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने और इससे लड़ने की चुनौती के लिए हम सरकार के साथ खड़े हैं।
क्या लिखा है पत्र में ?
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, "हमारे लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि भारत की परिस्थितियां अलग हैं। हमें कोरोनावायरस को लेकर दूसरे देशों की रणनीति से इतर कदम उठाने होंगे। हमारे देश में दिहाड़ी आमदानी पर काम करने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में एकतरफ से सारी आर्थिक गतिविधियों को बंद नहीं किया जा सकता है। आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से बंद करना कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या को बढ़ा देगा।
राहुल गांधी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों को वायरस से बचाने और उन्हें अलग-थलग रखने तथा युवाओं से मजबूती से संपर्क साधने की होनी चाहिए ताकि वह बुजुर्गों से उचित दूरी कायम रखें। भारत में लाखों की संख्या में बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्णरूप से बंदी और आर्थिक गतिविधियों के रूक जाने से लाखों युवा बेरोजगार हो जाएंगे और वापस अपने गांवों की ओर जाने लगेंगे। इससे उनके अपने परिवारों और गांवों में रह रहे बुजुर्ग आबादी को संक्रमित करने का खतरा बढ़ जाएगा। जिससे भारी संख्या में लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी। ऐसे में हमें चाहिए कि हम हर संभव संसाधन का उपयोग करके उनकी मदद करें और उनके रहने व खानपान का इंतजाम करें।'
'राहत पैकेज देना सही कदम, मजदूरों को किराया भी दिया जाए'
राहुल गांधी ने पत्र में कहा, 'सरकार की ओर से राहत पैकेज का ऐलान पहला सही कदम है। लेकिन इसको लोगों तक तेजी से पहुंचाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।' उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण घोषित लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजूदर और अन्य लोग मकान का किराया देने में सक्षम नहीं हैं। इस कारण वे लोग गांव की ओर जा रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार उनकी मदद करे और उनके खाते में किराये की रकम डाले।
21 दिन के लॉकडाउन का आज पांचवा दिन
तेजी से बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया है। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर और अन्य बड़े शहरों में रह रहे मजूदर और गरीब वर्ग के लोग पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। रविवार को लॉकडाउन का पांचवा दिन है। हालांकि इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला है। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
भारत में कोरोना की स्थिति
भारत में कोरोना 25 राज्यों में फैल चुका है। 1000 से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। अब तक 28 मरीजों ने दम तोड़ दिया है। कोरोना से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 194 है जबकि सबसे अधिक 8 मौतें भी यहीं हुईं हैं। महाराष्ट्र में रविवार को 3 मौतें हुई हैं। वहीं, गुजरात में अब तक 4 लोगों ने जान गंवाई हैं। इन सब के इतर कश्मीर में इलाज के दौरान एक शख्स ने दम तोड़ दिया है।