सुरक्षा के लिए बने कानूनों का महिलाएं दुरूपयोग कर रहीं: राज्यसभा सांसद तुलसी

नई दिल्ली के इंडियन सोसाइटी फॉर इंटरनेशनल लॉ में अनोखा पुस्कार समारोह आयोजित किया गया। इस पुरस्कार समारोह का नाम पुरुषार्थ महोत्सव रखा गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2019 5:24 AM IST / Updated: Oct 04 2019, 11:03 AM IST

नई दिल्ली. नई दिल्ली के इंडियन सोसाइटी फॉर इंटरनेशनल लॉ में अनोखा पुस्कार समारोह आयोजित किया गया। इस पुरस्कार समारोह का नाम पुरुषार्थ महोत्सव रखा गया था। अब तक गुमनामी के अंधेरे में रहकर समाज की भलाई के लिए बढ़-चढ़कर योगदान देने वाले वाले पुरुषार्थियों को यह पुरस्कार दिया जाएगा। इस पुस्कार समारोह का आयोजन टीम पुरुषार्थ ने सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन (एसआईएफएफ) के  सहयोग से किया। एसआईएफएफ की लीड या प्रतिनिधियों में रूपांशु प्रताप सिंह, विक्रम बिस्यार और कुमार एस. रतन शामिल थे। 

राज्यसभा सदस्य के टी एस तुलसी ने कहा, ''सिर्फ कानून बनाने से समाज की बुराइयां नहीं खत्म होती हैं, बुराई खत्म होती है जब लोग अपने आदर्शपूर्ण व्यव्हार का उदाहरण पेश करते हैं। 1995 में दहेज प्रताड़ना के केसों की संख्या 4668 थी जो बढ़ कर 2005 में  6776 और 2015 में 7638 रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा झूठे केसों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती गई है। जहां कानून का दुरूपयोग कर महिलाएं अपने विशेषाधिकार का फायदा उठाती रही हैं। मैंने संसद में एक प्रस्ताव रखा है कि यौन उत्पीड़न की सजाएं जेंडर न्यूट्रल हो। इससे कानून का दुरूपयोग ना हो और समाज में संतुलन बना रहे।

पीड़ित पुरुष को न्याय की पहल
के.टी.एस तुलसी ने कहा, ''पुरुषार्थी महोत्सव 2019 की यह पहल हर पीड़ित पुरुष को न्याय दिलाने की पहल है। मैं कामना करता हूं कि यह शुरुआत समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगी।''

पूर्व सांसद अंशुल वर्मा ने कहा, ''समाज का कल्याण करना ही पुरुषार्थ है, लोगो को शिक्षित करने से ही समाज में बदलाव आएगा, क्यों की शिक्षा ही आपको स्वतंत्र सोच देती है। भारत एक युवा देश है जहां युवाओं को एक सही मार्गदर्शन की जरूरत है, जो उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत व स्वतंत्र बनाए, पुरुषार्थ महोत्सव आगाज है समाज में नई  सोच के प्रादुर्भाव का।''  
उन्होंने कहा, "भगवान के भरोसे मत बैठिए, हो सकता है भगवान हमारे भरोसे बैठा हो, दशरथ मांझी एक प्रमाण है इसका।" 

इन लोगों को मिला पुरस्कार 
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड- आर .के .सोलंकी,  डॉ. जे.एस. यादव, वरुण खुल्लरश्री राजेश गोयल, पुत्तु लाल गुप्ताश्री लक्ष्मी चंद्र,  इंद्रसेन कुमार,  अमित शर्मा, अमिताभ दास,  देशराज भट्ट, हरबंस दुनकल, अमनदीप सिंह जौहर, पारुल  शर्मा,  चौधरी बी. सी. प्रधान, अनूप खन्ना। 

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