Rakesh Jhunjhunwala की Akasa Air ने दिए 72 बोइंग के 9 बिलियन डॉलर में आर्डर, भारत में एयरलाइन को मिली मंजूरी

झुनझुनवाला, जिन्हें "भारत के वारेन बफेट" (India's Warren Buffett) के रूप में जाना जाता है, 260.7 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक नई लो-कॉस्‍ट एयरलाइन वेंचर (low cost airline venture) की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Nov 16, 2021 5:25 PM IST

दुबई। अकासा एयर (Akasa Air) ने मंगलवार को 72 बोइंग 737 मैक्स जेट विमानों (737 MAX jets) का ऑर्डर दिया। इन विमानों की कीमत करीब 9 बिलियन डॉलर है। इनमें 2 वैरिएंट 737-8 और उच्च क्षमता वाला 737-8-200 शामिल हैं। दिग्गज इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) की अकासा एयरलाइन को हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NoC) जारी हुआ है। 

कम लागत वाली एयरलाइन को अक्टूबर में परिचालन शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से प्रारंभिक मंजूरी मिली और अगले साल उड़ान शुरू होने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नई एयरलाइन के जरिए भारत के ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा कराने का लक्ष्‍य है। बोइंग का कहना है, अकासा एयरलाइन को एयर ऑपरेटिंग परमिट लेने और कॉमर्शियल सर्विस शुरू करने के लिए  पहली डिलीवरी 2022 तक शुरू हो सकती है। 

नई लो-कॉस्‍ट एयरलाइन में होगी 40% हिस्‍सेदारी

झुनझुनवाला, जिन्हें "भारत के वारेन बफेट" (India's Warren Buffett) के रूप में जाना जाता है, 260.7 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक नई लो-कॉस्‍ट एयरलाइन वेंचर (low cost airline venture) की शुरुआत करने जा रहे हैं। नई एयरलाइन में झुनझुनवाला की 40 प्रतिशत हिस्‍सेदारी होगी। 
झुनझुनवाला को स्‍थानीय उद्यमियों पर दांव लगाने के लिए जाना जाता है और वह पहले भी एविएशन इंडस्‍ट्री में छोटा निवेश कर चुके हैं। स्‍पाइसजेट में उनके पास 1 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है और जेट एयरवेज में भी उनकी एक प्रतिशत हिस्‍सेदारी है, जो 2019 से बंद पड़ी है। झुनझुनवाला ने भारतीय बाजारों में अपना विश्‍वास जताते हुए कहा है कि भारत में तेजी आगे भी जारी रहेगी और भारत में मुद्रास्‍फीति की चिंता अल्‍पकालिक है।

बोइंग भारत में हावी

बोइंग (Boeing) 51 विमानों के साथ भारत के व्यापक बाजार पर हावी है। हालांकि, किराया को लेकर प्रतिस्पर्धा और उच्च लागत के कारण 2012 में किंगफिशर एयरलाइंस और 2019 में जेट एयरवेज से कई चुनौतियां मिली। कंसल्टेंसी CAPA इंडिया के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में जेट के पतन के बाद भारत के 570 नैरो-बॉडी विमानों में बोइंग की हिस्सेदारी 35% से गिरकर 18% हो गई। वर्तमान में, स्पाइसजेट देश में मैक्स विमानों के लिए एकमात्र ग्राहक है।

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