अमृतपाल की गिरफ्तारी: कितना खतरनाक है खालिस्तान विचारधारा? नेशनल सिक्योरिटी को कैसे करता है चैलेंज

पंजाब के मोगा जिले से कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक अमृतपाल (Radical Sikh Leader Amritpal) की गिरफ्तारी ने सवाल खड़ा कर दिया है कि पंजाब में फिर से यह विचारधारा पनप रही है।

Amritpal Singh Arrests. वारिस पंजाब दे संगठन के चीफ अमृतपाल को पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार किया गया। महीने भर से उसकी तलाश की जा रही थी लेकिन हर बार पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दे रहा था। अमृतपाल मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि खालिस्तान विचारधारा किस तरह से पनप रही है। यह कट्टरपंथी विचारधारा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती है।

खालिस्तान विचारधारा- क्या कहती है रिपोर्ट

Latest Videos

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि अमृतपाल खालिस्तान का खुला समर्थक है। यह अलगावादी गुट सिख समुदाय के लिए अलग स्टेट चाहता है और इसके लिए उन्होंने हिंसक रास्ता अपनाया है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जिस तरह से अमृतपाल ने अपने साथी लवप्रीत तूफान को छुड़ाने के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया, उसने पूरे देश को शॉक्ड कर दिया था। उस घटना का जो वीडियो सामने आया, उसमें साफ देखा जा सकता है कि अमृतपाल और उसके समर्थक किस तरह से तलवारें और बंदूकें लहराते हुए पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लेते हैं।

खालिस्तान विचारधारा- किस तरह से पवित्र ग्रंथ को बनाया ढाल

इंटरनेशनल फोरम की रिपोर्ट बताती है कि यह भी शॉकिंग रहा कि अमृतपाल ने अपने बचाव के लिए किस तरह से पवित्र गुरू ग्रंथ साहब को ढाल की तरह से इस्तेमाल किया। अजनाला की घटना में सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस रैंक के एक अधिकारी सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हुए। रिपोर्ट बताती है कि अमृतपाल और उसके समर्थकों का यह कृत्य खालिस्तान मूवमेंट के काले दिनों की याद दिलाता है, जब पूरा पंजाब ही इसकी चपेट में आ गया था।

खालिस्तान विचारधारा- आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाला है अमृतपाल का आइडियल

अमृतपाल सिंह खुद को कट्टरपंथी सिख आतंकी जरनैल सिंह भिंडरवाले का समर्थक बताता है। भिंडरावाले ने भारतीय स्टेट के खिलाफ हिंसात्मक अभियान चलाया था। भिंडरावाले ने पंजाब के सैकड़ों युवाओं को अपना समर्थक बना लिया था। रिपोर्ट बताती है कि निचले तबके के पंजाबी युवक ज्यादा से ज्यादा संख्या में भिंडरावाले के समर्थन में खड़े हुए थे। 1984 में यह अभियान हिंदुओं के खिलाफ हिंसात्मक दौर में पहुंच गया। तब पंजाब के कई हिंदू प्रशासनिक अधिकारी इसकी चपेट में आए। भिंडरावाले ने भी अमृतसर के गोल्डेन टेंपल को अपना हेडक्वार्टर बना लिया था।

यह भी पढ़ें

Operation Kaveri 2023: क्या है ऑपरेशन कावेरी? अब तक कितने भारतीयों को सूडान से निकाला गया- कब तक जारी रहेगा अभियान?

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

समाजवादी पार्टी का एक ही सिद्धांत है...सबका साथ और सैफई परिवार का विकास #Shorts
झांसी में चीत्कारः हॉस्पिटल में 10 बच्चों की मौत की वजह माचिस की एक तीली
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara
खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
झांसी ने देश को झकझोरा: अस्पताल में भीषण आग, जिंदा जल गए 10 मासूम