EMI चुकाने वालों के लिए खुशखबरी, अब 3 नहीं बल्कि 6 महीने तक पैसा नहीं देंगे तो बैंक कुछ नहीं बोलेगा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोरोना महामारी के बीच बड़ी राहत देने की कोशिश की है। RBI ने रेपो रेट घटा दिया है। साथ ही EMI किस्त न चुकाने के लिए 3 और महीने की छूट दी है। अब अगस्त तक EMI न दें तो बैंक कुछ नहीं बोलेगा

Asianet News Hindi | Published : May 22, 2020 5:34 AM IST / Updated: May 22 2020, 11:33 AM IST

नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक  (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर EMI चुकाने वालों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने लोन मोरोटोरियम में 3 महीने की छूट का ऐलान किया है। इसका मतलब है कि अगर आप किसी बैंक की EMI चुका रहे हैं तो अगर अगस्त तक EMI नहीं चुकाएंगे तो बैंक कुछ नहीं बोल सकेगा। कोरोना महामारी में ये एक बड़ी राहत है।

कैश फ्लो बढ़ाने के लिए दी गई छूट

आरबीआई ने 17 मार्च को लोन मोरोटोरियम में तीन महीने की छूट का ऐलान किया था। इसके तहत सभी बैंकों के लोन के ईएमआई के भुगतान में 3 महीने की छूट दी गई थी। अब इसे 3 महीने और यानी अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। ईएमआई सैलरी की 30% तक होती है, ऐसे में इस फैसले के बाद लोगों की काफी राहत मिलेगी और कैश फ्लो भी बढ़ेगा।

मोरोटोरियम का क्या मतलब है?

मोरोटोरियम उस अवधि को कहते हैं जिस दौरान आपको लिए गए कर्ज पर EMI का भुगतान नहीं करना पड़ता है। इस अवधि को EMI हॉलीडे के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर ऐसे ब्रेक की पेशकश इसलिए की जाती है ताकि अस्थायी वित्तीय कठिनाइयों का सामना करने वाले व्यक्तियों को इससे उबरने में मदद मिले।

Asianet News ने चार्टर्ड एकाउंटेंट कार्तिक गुप्ता से बात की और सरल भाषा में सवाल-जवाब के फॉर्म में जानना चाहा कि आखिर EMI में तीन और महीन की छूट के क्या मायने हैं?

सवाल- EMI में तीन और महीने की छूट। इसके क्या मायने हैं?

जवाब- पहले क्या होता था कि कोई व्यक्ति अपना EMI नहीं चुकाता था तो वह लोन स्टैंडर्ड से नॉन परफॉर्मिंग में कनवर्ट हो जाता था। इससे उस व्यक्ति का सिबिल खराब होता था। लेकिन अब अगले तीन महीने तक EMI नहीं चुका पाते हैं तो आपका सिबिल खराब नहीं होगा। उसपर कोई असर नहीं पड़ेगा। तीन महीने बाद EMI चुका सकते हैं।

सवाल- इसमें कौन-कौन से बैंक आएंगे, जिनकी EMI चुकाने में छूट मिली है?

जवाब- इसमें सभी बैंक आएंगे। सभी कामर्शियल बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, छोटे फाइनेंस बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों सहित), सहकारी बैंक (कॉपरेटिव बैंक), सभी भारतीय फाइनेंशियल इन्स्टीट्यूशन और NBFC (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रो-फाइनेंस संस्थानों सहित) (उधार देने वाली संस्थाएं) पर यह घोषणा लागू होती है।

सवाल- किस तरह की EMI में छूट मिलेगी?

जवाब- आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि होम लोन, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, ऑटो लोन और ऐसा कोई भी लोन जो एक फिक्स टाइम के लिए लिया गया हो। इसमें मोबाइल, फ्रिज और टीवी के लोन भी शामिल हैं।

सवाल- अगर मैं 3 महीने तक EMI नहीं देना चाहता हूं तो मुझे क्या करना होगा?

जवाब- बहुत सिंपल है। देखिए। जैसे हम एक महीने की EMI मिस कर जाते हैं तो अगले महीने ब्याज जुड़कर EMI की कॉस्ट बैंक भेजता है, फिर हमें दो महीने की EMI ब्याज सहित भरनी पड़ती है। लेकिन अब 3 महीने तक ऐसा नहीं होगा। आप EMI नहीं भरेंगे तो बैंक कोई ब्याज नहीं जोड़ेगा। कोई पेनाल्टी चार्ज नहीं जोड़ेगा। यानी EMI मत भरिए। कोई पूछने नहीं आएगा कि क्यों नहीं भरा। बैंक को अलग से नहीं कहना होगा।

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