अब स्वदेशी से मजबूत होंगी भारतीय सेनाएं, घरेलू खरीद के लिए बजट में 70 हजार करोड़ का किया गया प्रावधान

सरकार की महत्वकांक्षी आत्मनिर्भर भारत पहल के मद्देनजर 1.35 लाख करोड़ रुपए के रक्षा बजट में 70000 करोड़ से ज्यादा की पूंजी घरेलू खरीद के लिए आरक्षित की गई है। इसके साथ ही जल्द ही रक्षा मंत्रालय आयात होने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध की एक और लिस्ट जारी कर सकता है। इससे पहले सरकार ने रक्षा क्षेत्र से जुड़े 100 सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2021 9:49 AM IST / Updated: Feb 22 2021, 03:58 PM IST

नई दिल्ली. सरकार की महत्वकांक्षी आत्मनिर्भर भारत पहल के मद्देनजर 1.35 लाख करोड़ रुपए के रक्षा बजट में 70000 करोड़ से ज्यादा की पूंजी घरेलू खरीद के लिए आरक्षित की गई है। इसके साथ ही जल्द ही रक्षा मंत्रालय आयात होने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध की एक और लिस्ट जारी कर सकता है। इससे पहले सरकार ने रक्षा क्षेत्र से जुड़े 100 सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। 

रक्षा सेक्टर में बजट प्रावधानों के कार्यान्वयन पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरे मंत्रालय ने फैसला किया है कि बजट में से 63% का खर्च घरेलू खरीद पर किया जाएगा।  यानी 70221 करोड़ रुपए घरेलू रक्षा खरीद पर खर्च किया जाएगा। 

2020-21 में पहली बार घरेलू उत्पादों की खरीद का प्रावधान हुआ
2020-21 के बजट में सरकार ने पहली बार रक्षा बजट के भीतर घरेलू खरीद के लिए अलग आवंटन का प्रावधान किया था और 52,000 करोड़ रुपए आरक्षित किए थे।

2021-22 के रक्षा बजट में पिछले वर्ष के बजट की तुलना में 21,000 करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि की गई। इस बार का रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपए है, इसमें 1.16 लाख करोड़ रुपए की रक्षा पेंशन शामिल है। राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय पूंजी अधिग्रहण की समय सीमा में देरी को कम करने की दिशा में भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा, रक्षा अधिग्रहण के काम को 2 साल में पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है, बजाय जो अभी 3-4 साल लग जाते हैं। 

जल्द जारी होगी दूसरी लिस्ट
वेबिनार में राजनाथ सिंह ने कहा, अब हम वस्तुओं की दूसरी लिस्ट जारी करने पर विचार कर रहे हैं। इसके साथ सैन्य मामलों के सचिव विभाग से भी अनुरोध करेंगे कि वे इस बात पर भी विचार करें कि वर्तमान में आयात होने वाले पुर्जों को लिस्ट में शामिल किया जाए ताकि हम उसी को स्वदेशी बना सकें। 

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