
Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि समाज सिर्फ कानून या नियमों से नहीं चलता है। समाज को चलाने के लिए संवेदनशीलता, सांस्कृतिक मूल्यों और एक-दूसरे के प्रति अपनापन भी होना ज़रूरी है। भागवत ने ये बातें नेले फाउंडेशन के 25 साल पूरे होने के मौके पर कही। उन्होंने कहा, 'लोगों में एक-दूसरे के प्रति अपनापन होना चाहिए। हमें अपनी अंदर की संवेदनशीलता को जागरूक और जिंदा रखना है।'
RSS प्रमुख ने कहा, 'लोगों को एक-दूसरे के प्रति असली अपनापन महसूस होना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने भीतर संवेदनशीलता को जागरूक और जीवित रखें।' उन्होंने बताया कि सामाजिक एकता राष्ट्रीय प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। एक संयुक्त समाज ही भारत को दुनिया का मार्गदर्शन करने वाली ताकत बना सकता है। उन्होंने कहा, 'कई देश संपन्नता, विज्ञान और सैन्य शक्ति रखते हैं, लेकिन भारत की विशेषता यह है कि यहां सभी को एक समझने की परंपरा है।'
मोहन भागवत ने कहा कि एकता और संवेदनशीलता ही भारत की असली पहचान है। यह एक साझा चेतना में निहित है, जो पूरी दुनिया को जोड़ती है। उन्होंने कहा, 'आज विज्ञान भी इस बात को मानता है कि एक सार्वभौमिक चेतना मौजूद है, जिससे सब कुछ उत्पन्न होता है। हमारे पूर्वज न केवल इसे समझते थे बल्कि इसके अनुसार जीवन जीते थे और इसे पीढ़ियों तक पहुंचाया।' उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए भीतर से जागरूकता और एकता की भावना जरूरी है। भारत जब आगे बढ़ेगा, तो दुनिया को अपनापन और एकता का संदेश देना चाहिए।
भागवत ने नेले फाउंडेशन और अन्य सामुदायिक संगठनों की भी तारीफ की, जो समाज में करुणा और एकता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा, 'इन संगठनों के काम न सिर्फ उनके जीवन को बेहतर बनाते हैं, बल्कि दूसरों के लिए भी लाभकारी होते हैं। इनके प्रयास सफल, पुण्यकारी और वास्तव में मूल्यवान हैं।' नेले फाउंडेशन बच्चों को शिक्षा और देखभाल मुहैया कराता है। इस अवसर पर सिल्वर जुबली कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।
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