आरएसएस नेता ने कहा, इस्लाम की वजह से छुआछूत और अंग्रेजों की वजह से दलित शब्द की शुरुआत हुई

आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने 'भारत का राजनीतिक उत्तरायण' और 'भारत का दलित विमर्श' नाम की पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम में संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल भी मौजूद थे। कार्यक्रम में उन्होंने कहा, प्राचीन भारत में गौमांस खाने वालों को अछूत माना जाता था। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2019 6:45 AM IST / Updated: Aug 27 2019, 12:19 PM IST

नई दिल्ली. आरएसएस के वरिष्ठ नेता कृष्ण गोपाल शर्मा ने कहा है कि इस्लाम के आगमन के बाद भारत में छुआछूत की शुरुआत हुई। अंग्रेजों ने 'दलित' शब्द का इस्तेमाल भारत को बांटने और शासन करने के लिए किया। अंग्रेजों से पहले इस शब्द के बारे में लोग नहीं जानते थे।

भारत को छोड़ कोई देश इस्लाम से नहीं बच पाया : कृष्ण गोपाल 
कृष्ण गोपाल ने कहा कि इस्लामी युग अंधकार युग था। इसमें भारत अपनी गहरी आध्यात्मिक जड़ों के कारण जीवित रह सका। भारत को छोड़कर कोई भी देश इस्लाम से बच नहीं सका है। यह आध्यात्मिकता और संवेदनशीलता के कारण ही संभव हो सका।

छुआछूत का पहला उदाहरण  
उन्होंने कहा, छुआछूत का पहला उदाहरण इस्लाम के आने के बाद देखा जाता है। जब राजा दाहिर के घर पर उनकी रानियां जौहर करने के लिए जा रही थीं, उन्होंने 'मलिच्छा' शब्द का उल्लेख किया और कहा कि वे जल्दी करें नहीं तो 'मलिच्छा' उन्हें छू लेंगे और वे अपवित्र हो जाएंगे। भारत में यह छुआछूत का पहला उदाहरण है। 

गोपाल ने वर्तमान सामाजिक परिदृश्य से उदाहरणों का हवाला दिया और कहा कि संविधान सभा द्वारा 'दलित' के उपयोग को अस्वीकार कर दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उत्पीड़न के कारण अनुसूचित जाति के लोगों में गुस्सा है। ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने इसके खिलाफ बात की और इस गुस्से को शांत करने की कोशिश की। इसमें फुले, नारायण गुरु, डॉ. हेडगेवार, स्वामी दयानंद, मदन मोहन सिंघिया, महात्मा गांधी का नाम शामिल है।

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