संघ की शताब्दी वर्ष पर पंच परिवर्तन पर होगी चर्चा, 15-17 मार्च तक चलेगा विचार मंथन

Published : Mar 13, 2024, 09:13 PM ISTUpdated : Mar 13, 2024, 09:15 PM IST
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सार

15-17 मार्च तक नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होगी। बैठक में संघ के सरकार्यवाह और सभी 11 क्षेत्रों के संघचालकों का चुनाव होगा। 

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पिछले 99 साल से भारत के अग्रणी सामाजिक संगठन के रूप में काम कर रहा है। अगले साल 2025 में विजयादशमी को संघ की स्थापना के 100 साल पूरे हो जाएंगे। शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में किस तरह की कार्य योजना होगी इसको लेकर नागपुर में बड़ी बैठक होने जा रही है।

15-17 मार्च तक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होगी। इस दौरान अगले साल की कार्य योजना को लेकर विचार-मंथन होगा। बैठक में संघ कार्यों की विशेष कर संघ शाखाओं की समीक्षा होगी। आरएसएस ने अपनी स्थापना के 100 साल पूरे होने के अवसर पर अपनी शाखाओं की संख्या बढ़ाकर 1 लाख करने का लक्ष्य रखा है। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस ब्रीफिंग में दी। इस दौरान पश्चिम क्षेत्र संघचालक डॉ. जयंतीभाई भाडेसिया भी मौजूद थे।

2018 के बाद यह प्रतिनिधि सभा लगभग 6 वर्ष के बाद नागपुर में हो रही है। बैठक में पूरे देश से 1529 प्रतिनिधि के शामिल होने की उम्मीद है। बैठक में संघ प्रेरित 32 संगठनों और कुछ अन्य समूहों की सहभागिता रहेगी। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का, विश्व हिन्दू परिषद के आलोक कुमार बैठक में मौजूद रहेंगे। सभी संगठन देशभर में चलने वाले अपने-अपने कार्यों और उन क्षेत्रों की समस्याओं व उसके समाधान के लिए चल रही कोशिश से आरएसएस को अवगत कराएंगे। बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होगी।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से देश में उत्साह

सुनील आंबेकर ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पूरे देश में उत्साह है। प्रतिनिधि सभा में इस संबंध में प्रस्ताव लाया जाएगा। बैठक में संघ के सरकार्यवाह के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। इससे पहले सभी 11 क्षेत्रों के संघचालकों का चुनाव होगा।

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बैठक में सरसंघचालक के देशव्यापी प्रवास की योजना तय की जाएगी। इसके साथ ही समाज हित में पंच परिवर्तन के लिए व्यापक चिन्तन होगा। इस पंच परिवर्तन में सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण, ‘स्व’ आधारित व्यवस्था का आग्रह और नागरिक कर्तव्य का समावेश रहेगा।

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