दूसरे देशों ने यूक्रेन से नागरिकों को निकालने में खड़े किए हाथ, भारत छात्रों के साथ जानवरों तक को निकाल लाया

Russia Ukraine Crisis : रूस यूक्रेन युद्ध के बीच भारत सरकार ने तेजी से अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकाला। सरकार ने युद्ध की आशंकाओं के बीच 15 फरवरी को यूक्रेन में फंसे अपने छात्रों को एडवायजरी जारी की थी। इसके बाद सरकार ने दो और एडवायजरी जारी की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि 24 फरवरी को युद्ध छिड़ने से पहले ही 4,000 लोग वापस आ चुके थे।

नई दिल्ली। युद्धग्रस्त यूक्रेन (Russia ukraine war) से अपने नागरिकों को निकालने में भारत सरकार (Indian Government) ने ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga)  के तहत जो तेजी दिखाई, वह कोई दूसरा देश नहीं दिखा सका। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बुधवार को कहा कि दूसरे देशों ने जहां अपने नागरिकों को निकालने में हाथ खड़े कर दिए थे, वहीं हमने पड़ोसी देशों के जरिये न सिर्फ अपने नागरिकों को निकाला, बल्कि उनके पालतू जानवरों तक को युद्धग्रस्त इलाके से बाहर निकाला। सिर्फ भारतीय ही नहीं, भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के लोगों को भी संकट की इस घड़ी में यूक्रेन से निकलने में मदद की और बाहर निकाला।

एडवायजरी मानते तो पहले लौट आते ज्यादा छात्र
गोयल ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध के बीच भारत सरकार ने तेजी से अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकाला। सरकार ने युद्ध की आशंकाओं के बीच 15 फरवरी को यूक्रेन में फंसे अपने छात्रों को एडवायजरी जारी की थी। इसके बाद सरकार ने दो और एडवायजरी जारी की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि 24 फरवरी को युद्ध छिड़ने से पहले ही 4,000 लोग वापस आ चुके थे। उन्होंने कहा कि हमारे और छात्र समय रहते वापस आ सकते थे, लेकिन उन्होंने सरकार की एडवायजरी को गंभीरता से नहीं लिया और उनके मेडिकल कॉलेजों ने भी उन्हें यूक्रेन छोड़ने की अनुमति नहीं दी।  

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भाजपा मदद करती रही, कांग्रेस भ्रम फैलाती रही : गोयल
गोयल ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं ने यूक्रेन में फंसे 18.5 हजार छात्रों के परिवारों से संपर्क किया। उन्होंने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और केंद्र सरकार को इन छात्रों की जानकारी और उनके परिवारों का संदेश भेजा। इसके बाद ये छात्र बाहर निकाले जा सके, जबकि दुर्भाग्य से कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल यूक्रेन में फंसे लोगों के परिवारों की मदद करने के बजाय गलत सूचना फैला रहे थे और लोगों को गुमराह कर रहे थे।

सुमी से निकालने के लिए मानवीय गलियारा बनावाया 
यूक्रेन के सुमी से छात्रों को निकालना बड़ी चुनौती थी। इस बीच पीएम मोदी ने मंगलवार को इन छात्रों के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की और रूस से फोन पर बात की। इसके बाद मॉस्को और कीव के अधिकारियों ने छात्रों को निकलने के लिए Humanitaian corridor बनवाया। मोदी सरकार की इस पहल के बाद सुमी में फंसे छात्रों को बसों में बैठाकर मध्य यूक्रेन के पोल्टावा ले जाया गया।  

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