18 फरवरी, 2014 को, शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इसके अलावा दो अन्य कैदियों-संथान और मुरुगन के साथ-साथ उनकी दया याचिका पर फैसला किया गया था।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजीव गांधी हत्याकांड (Rajeev Gandhi assasination case) में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन (A G Perarivalan) को बुधवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने इस दलील पर गौर किया कि दोषी 30 साल से अधिक समय से जेल में है। जेल के अंदर और पैरोल की अवधि के दौरान उसका आचरण संतोषजनक रहा है। शीर्ष अदालत 47 वर्षीय पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने दया की मांग की थी।
आत्मघाती हत्यारों ने की थी राजीव गांधी की हत्या
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी। चुनावी रैली के दौरान हुई इस हत्या में हत्यारे की पहचान धनु के रूप में हुई थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, देश में हो रहे लोकसभा चुनावों के दौरान लगातार रैलियां कर रहे थे। तमिलनाडु में उस समय लिट्टे का काफी प्रभाव था। श्री गांधी काफी सालों से आतंकी संगठन लिट्टे के निशाने पर थे।
धनु समेत 14 अन्य मारे गए थे
इस आत्मघाती हमले में स्वयं धनु सहित चौदह अन्य भी मारे गए। राजीव गांधी की हत्या संभवत: देश में आत्मघाती बम विस्फोट का पहला मामला था जिसमें एक हाई-प्रोफाइल नेता की हत्या हुई हो। मई 1999 के अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने चार दोषियों-पेरारिवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था।
मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया
18 फरवरी, 2014 को, शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इसके अलावा दो अन्य कैदियों-संथान और मुरुगन के साथ-साथ उनकी दया याचिका पर फैसला किया गया था। अदालत ने तीनों की मौत के सजा को 11 साल की देरी के आधार पर उम्रकैद में बदल दिया था।