बाढ़, तूफान या जंग, हर आपदा में राहत लेकर आकाश से उतरता है यह विमान, यूक्रेन संकट में भी निभा रहा खास रोल

भारतीय वायु सेना का मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर यूक्रेन संकट (Russia Ukraine War) के चलते फंसे भारतीयों को निकालने में महत्वपूर्ण रोल निभा रहा है। यह विमान दोहरी भूमिका निभा रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 3, 2022 3:07 AM IST / Updated: Mar 03 2022, 08:41 AM IST

नई दिल्ली। बाढ़, तूफान या जंग, हर आपदा में भारतीय वायु सेना का मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर (C-17 Globemaster) आकाश से राहत लेकर उतरता है। यूक्रेन में फंसे छात्रों को भारत वापस लाने के लिए सरकार ऑपरेशन गंगा चला रही है। इस अभियान में भी सी-17 बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। यह विमान दोहरी भूमिका निभा रहा है। भारत से यूक्रेन के पड़ोसी देशों के लिए उड़ान भरते समय विमान दवा, टेंट और अन्य राहत सामग्री ले जाता है। वहीं, लौटते समय छात्रों को अपनी मातृभूमि लेकर आता है।

कोरोना काल में जब देश में ऑक्सीजन का आकाल पड़ा था तब इस विमान ने ऑक्सीजन टैंकरों को जरूरत वाली जगहों तक पहुंचाया था, जिससे ऑक्सीजन की तेज सप्लाई सुनिश्चित हुई थी। इसी तरह बाढ़ और तूफान जैसे प्राकृतिक आपदा में भी इस विमान का इस्तेमाल राहत सामग्री पहुंचाने और प्रभावितों को निकालने में किया जाता है।  C-17 विमान ने काबुल से नागरिकों और अधिकारियों को निकालने में बड़ी मदद की थी जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था।

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मालवाहक विमान है सी-17 
सी-17 भारतीय वायु सेना का मालवाहक विमान है। इसका मुख्य काम जंग के लिए मोर्चे पर टैंक, तोप, बख्तरबंद गाड़ियों, हथियारों और सैनिकों को पहुंचाना है। इसकी मदद से वायु सेना दिल्ली और उत्तरप्रदेश जैसे मैदानी राज्यों से चंद घंटे में भारी हथियारों को लेह जैसे ऊंचे पहाड़ी इलाके में पहुंचा सकती है। सड़क मार्ग से इतनी दूरी तय करने में कई दिन लगते हैं। चीन से लगती सीमा पर तैनात सैनिकों तक रसद आपूर्ति में इस विमान का इस्तेमाल किया जाता है।

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सी-17 विमान को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बनाया है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि कई तरह के ऑपरेशन को अंजाम दे सके। टैंक और बख्तरबंद वाहन या अन्य सामान ले जाना हो तो विमान के मुख्य हिस्से को खाली रखा जाता है। वहीं, जब इसमें सैनिकों या यूक्रेन संकट जैसे मामलों में लोगों को बचाकर लाना हो तो सीटें लगा दी जाती हैं। 

कठोर इलाके में भी उतर सकता है सी-17
सी-17 विमान को जंग के मोर्च तक सामान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। ऐसे इलाके में हमेशा अच्छे रनवे नहीं होते। इसके चलते विमान को इस तरह बनाया गया है कि छोटे एयरफिल्ड और कठोर इलाके में भी उतर सकता है। दिन हो या रात, यह हर वक्त काम करता है। इस विमान के टेल का आकार टी जैसा है। इस तरह के टेल से विमान को अधिक वजन लेकर उड़ने में मदद मिलती है। यह विमान 2316 मीटर लंबे एयरफिल्ड से उड़ान भर सकता है। यह 72574 किलोग्राम सामान लेकर उड़ सकता है। विमान में हवा में ही इंधन भरने की क्षमता है। हवा में इंधन भरने पर यह सामान के साथ एक बार में 4444 किलोमीटर उड़ान भर सकता है। खाली रहने पर विमान का रेंज 8704 किलोमीटर है।

816 किलोमीटर प्रतिघंटा है अधिकतम रफ्तार
सी-17 विमान को चार इंजन से ताकत मिलती है। इसकी अधिकतम रफ्तार 816 किलोमीटर प्रतिघंटा है। विमान को उड़ाने के लिए तीन क्रू मेंबर की जरूरत होती है। यह 10.9 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। विमान की लंबाई 53.04 मीटर और ऊंचाई 16.79 मीटर है। इसके पंखों का फैलाव 51.76 मीटर है। खाली विमान का वजन 125.6 टन है। यह आकार में इतना बड़ा है कि इसमें एक बार में तीन अपाचे हेलिकॉप्टर को लोड किया जा सकता है।  

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