कावेरी कॉलिंग अभियान: सद्गुरु के फाउंडेशन ने Tamil Nadu में रखा 1.1 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य, किसान के खेतों में लगाए जा रहे कीमती लकड़ियों वाले पेड़

इस अभियान के तहत किसानों को उनके खेतों में 1.1 करोड़ पौधे लगाने में फाउंडेशन द्वारा मदद की जाएगी। पिछले साल इसी तरह के आंदोलन में तमिलनाडु में सफलतापूर्वक 1 करोड़ पेड़ लगाए गए थे।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 6, 2023 2:23 PM IST / Updated: Jun 06 2023, 08:28 PM IST

Cauvery Calling Movement: विश्व पर्यावरण दिवस पर ईशा फाउंडेशन ने कर्नाटक और तमिलनाडु के नदियों को स्वच्छ करने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने का अभियान शुरू किया है। कावेरी कॉलिंग मूवमेंट को शुरू करते हुए ईशा फाउंडेशन ने वृहद पौधारोपण अभियान को शुरू करने के साथ ही नदियों को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प लिया है। ईशा फाउंडेशन कावेरी नदी को पुनर्जीवित कर उसे पूर्ण रूप से स्वच्छ करना चाहता है।

कावेरी कॉलिंग मूवमेंट पर सद्गुरु का संदेश...

कावेरी कॉलिंग मूवमेंट को विश्व पर्यावरण दिवस से शुरू करने के पहले आध्यात्मिक गुरु व पर्यावरणविद् सद्गुरु ने अपना संदेश दिया। उन्होंने कहा कि 'उपयोग करो और फेंको' की मानसिकता को समाप्त करना होगा। यह न केवल प्रदूषण को कम करेगा बल्कि यह सृष्टि के प्रति सम्मान को भी बढ़ाएगा। धरती हमको सबकुछ देती है, आईए इसका उपयोग करें, इसे संरक्षित करें और इसका सम्मान करें।

कावेरी कॉलिंग मूवमेंट के तहत 1.1 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प

तमिलनाडु में कावेरी कॉलिंग आंदोलन में वृहद पौधारोपण का संकल्प लिया गया है। इसके तहत 1.1 करोड़ पौधों को लगाया जाएगा। इस अभियान के तहत किसानों को उनके खेतों में 1.1 करोड़ पौधे लगाने में फाउंडेशन द्वारा मदद की जाएगी। पिछले साल इसी तरह के आंदोलन में तमिलनाडु में सफलतापूर्वक 1 करोड़ पेड़ लगाए गए थे। यह अभियान तमिलनाडु और पांडिचेरी के सभी जिलों में चला। इस अभियान के तहत टीक, लाल चंदन, बरगद, नीम, महोगनी, रोजवुड सहित कई इमारती लकड़ियों को भी लगाया गया। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ बल्कि कावेरी नदी के पुनरोद्धार में भी योगदान मिला। तमिलनाडु में चलाए गए अभियान में सांसदों, विधायकों, मेयर्स, प्रमुख हस्तियों सहित आमजन ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था।

नोयल नदी को पुनर्जीवित करने का अभियान तो चेन्नई में प्लास्टिक फ्री मूवमेंट

कोयम्बटूर के पोल्लाची शहर में सांसद के शनमुगसुंदरम ने प्लास्टिक मुक्त नोयल नदी अभियान का उद्घाटन किया। ईशा ने नोयल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ सहयोग किया। यह नदी चार जिलों के लिए एक महत्वपूर्ण जलस्रोत है। ईशा फाउंडेशन ने पहले चार किलोमीटर की जिम्मेदार लेते हुए इसे ईशा संस्कृति और ईशा होमस्कूल के बच्चों को अभियान से जोड़ा और स्वच्छता कार्यक्रम चलाया। इसी तरह चेन्नई में सेव सॉयल अभियान के स्वयंसेवकों ने प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए मरीना बीच पर अभियान चलाया। इसके अलावा, तमिलनाडु वन विभाग के सहयोग से सेव सॉयल के स्वयंसेवकों ने कोयंबटूर में पवित्र वेल्लियांगिरी पर्वत पर ट्रेकर्स द्वारा छोड़े गए प्लास्टिक कचरे को एकत्र किया। पहाड़ियों के प्राचीन वातावरण को बनाए रखने के लिए ये अभियान थे।

2020 में 24 मिलियन पौधे वितरित

2020 से, कर्नाटक सरकार ने कावेरी नदी बेसिन के भीतर नौ जिलों में 41,000 से अधिक किसानों को 24 मिलियन पौधे वितरित किए हैं। कावेरी कॉलिंग टीम 1,800 से अधिक कार्यक्रमों के माध्यम से सक्रिय रूप से जागरूकता बढ़ा रही है। यह, कावेरी कॉलिंग किसान हेल्पलाइन और व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से 51,500 से अधिक किसानों को सहायता प्रदान कर रही है।

सद्गुरु के नेतृत्व में मृदा बचाओ आंदोलन का उद्देश्य मिट्टी के क्षरण के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इस वैश्विक मुद्दे को हल करने के लिए नीतियों की वकालत करना है। खेती योग्य मिट्टी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा के पहले से ही ख़राब है। इसलिए यह आंदोलन क्षेत्रीय परिस्थितियों के आधार पर न्यूनतम 3-6% मिट्टी कार्बनिक पदार्थ (SOM) को बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है। इसलिए इस आंदोलन के तहत पौधारोपण पर जोर दिया जा रहा।

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