पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका, संदेशखाली मामले में चलती रहेगी CBI जांच, SC ने किए तीखे सवाल

पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका संदेशखाली मामले में बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जुलाई) को राज्य द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें CBI जांच के कलकत्ता HC के आदेश को चुनौती दी गई थी।

sourav kumar | Published : Jul 8, 2024 9:42 AM IST / Updated: Jul 08 2024, 03:21 PM IST

संदेशखाली मामला: पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका संदेशखाली मामले में बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जुलाई) को राज्य द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें CBI जांच के कलकत्ता HC के आदेश को चुनौती दी गई थी। बता दें कि संदेशखाली में CBI महिलाओं के खिलाफ अपराध और जमीन हड़पने के आरोपों की लगातार जांच कर रही है। इसी को रोकने के लिए ममता बनर्जी की सरकार ने याचिका दायर की थी और मांग की थी कि CBI मामले की जांच न करें। इस तरह से संदेशखाली मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच जारी रहेगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जांच रोकने से इनकार कर दिया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट के 10 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। आज सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य को किसी की सुरक्षा में रुचि क्यों होनी चाहिए? इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राशन घोटाले में 43 FIR दर्ज की गई हैं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक कारणों से इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।

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SC ने पश्चिम बंगाल सरकार से सवाल किया

29 अप्रैल की सुनवाई के दौरान SC ने राज्य सरकार से सवाल किया कि उसे कुछ निजी व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए याचिकाकर्ता के रूप में क्यों काम करना चाहिए। राज्य सरकार ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि हाई कोर्ट के आदेश ने पुलिस बल सहित पूरे राज्य तंत्र को हतोत्साहित कर दिया है। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने न्याय और निष्पक्ष तरीके से जांच करने का आदेश 10 अप्रैल को ही दे दिया था।

संदेशखाली मामले की शुरुआत

संदेशखाली मामले की शुरुआत 5 जनवरी, 2024 को हुई, जब कुछ ED के अधिकारी राशन भ्रष्टाचार मामले में संदेशखाली के सरबेड़िया में तृणमूल नेता शेख शाहजहां से पूछताछ करने पहुंचे हुए थे। हालांकि, उस वक्त नेता फरार हो गया और ED के लोगों पर स्थानीय TMC के लोगों ने हमला किया। इस हमले के बाद स्थानीय लोगों ने अपनी आवाज तेज कर दी और खुल कर सामने आ गए। सारे लोग ने एक स्वर में तृणमूल नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। विरोध प्रदर्शन तेज हो गए, जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इन सब में मुख्य आरोपी शेख शाहजहां को ED ने 29 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया।

ये भी पढ़ें: निठारी हत्याकांड में CBI की याचिका पर SC ने जारी किया नोटिस, मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली से जुड़ा मामला

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